Moon Mission 2024: चंद्रमा पर उतरने के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है आने वाला साल 2024
Moon Mission in 2024 News: साल 2023 अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी अच्छा बीता वहीं अब आने वाले साल 2024 के लिए कहा जा रहा है कि आने वाला साल चंद्रमा पर उतरने के लिहाज से अहम हो सकता है।
साल 2024 के लिए कहा जा रहा है कि आने वाला साल चंद्रमा पर उतरने के लिहाज से अहम हो सकता है
साल 2024 के स्वागत के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है और अगले साल चंद्रमा के लिए कई मिशन (Moon Mission) उड़ान भर सकते हैं।अगले साल चंद्रमा के लिए 12 मिशन भेजे जा सकते हैं या उसकी सतह पर उतर सकते हैं। ये एक साल में सर्वाधिक चंद्र मिशन होंगे। अकेले जनवरी में ही तीन ऐसे मिशन संचालित होने की संभावना है।जापान के एसएलआईएम मिशन ने 19 जनवरी को पहली चंद्र उड़ान की योजना बनाई है। यदि यह मिशन सफल रहा तो जापान चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला पांचवां देश होगा। इससे पहले रूस, अमेरिका, चीन और भारत यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
इनट्यूशिव मशीन्स और एस्ट्रोबोटिक नामक दो कंपनियां चंद्रमा पर पहली व्यावसायिक लैंडिंग की दौड़ में शामिल हैं। दोनों ही नासा के व्यावसायिक चंद्र पेलोड सेवा (सीएलपीएस) कार्यक्रम का हिस्सा हैं और अमेरिकी व्यावसायिक अंतरिक्ष क्षेत्र की महत्वाकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।चंद्रमा को लेकर देशों की इस कदर रुचि बढ़ने के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला प्रक्षेपण यान और अंतरिक्षयान प्रणालियों की कीमत कम होने के साथ अंतरिक्ष यात्रा की लागत में भी कमी आ रही है। इससे नये प्रतिभागी बाजार में उतर रहे हैं।
भारत के चंद्रयान-3 से यह बात सामने आई कि चंद्र मिशन की लागत 10 करोड़ डॉलर से कम रह सकती है।एस्ट्रोबोटिक कंपनी मेक्सिको द्वारा विकसित छोटे रोवरों को ले जाने के लिए उस देश के पहले चंद्र मिशन पर काम कर रही है।दूसरा कारण चंद्रमा के बारे में अन्वेषण को लेकर वैज्ञानिक और आर्थिक रुचि बढ़ी है। चंद्रमा पर जल संसाधन की उपलब्धता मानी जाती है। वर्ष 2024 में प्रस्तावित अधिकतर मिशन का उद्देश्य प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज करना है।
चीन और अमेरिका दोनों ने 2024 में अपने महत्वपूर्ण मिशनों की योजना बनाई है
तीसरी वजह भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा के पैदा होने से अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति समर्थन मजबूत होना है। अंतरिक्ष में स्पर्धा को रेखांकित करते हुए, चीन और अमेरिका दोनों ने 2024 में अपने महत्वपूर्ण मिशनों की योजना बनाई है।चीन ने मई में चंद्रमा के सुदूर हिस्से से पहले वैज्ञानिक नमूने लाने के लिए चांग-ए 6 मिशन को भेजने की योजना बनाई है।नवंबर में अमेरिका मानव दल के साथ आर्टेमिस-2 मिशन को चंद्रमा के लिए रवाना कर सकता है। इसके साथ चार अंतरिक्ष यात्री 1970 के दशक के बाद पहली बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे।यह मिशन 2026 या 2027 में चंद्रमा की सतह पर चालक दल के पहुंचने के लिए आधार तैयार करेगा, जिसके तहत 2030 के दशक की शुरुआत में चंद्र सतह पर आधार स्थापित करने की उम्मीद है।
इन सभी मिशनों में सबसे रोमांचक नासा का वाइपर रोवर हो सकता है
इन सभी मिशनों में सबसे रोमांचक नासा का वाइपर रोवर हो सकता है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ओर जाने वाला है। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव स्थायी रूप से छाया वाला है। यहां ऐसे क्षेत्र हैं जहां कभी सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता है और वहां पानी जैसे वाष्पशील पदार्थों का पर्याप्त भंडार होने की उम्मीद है।
वैसे भी चंद्रमा पर उतरने में तकनीकी चुनौतियां भी हैं
हो सकता है कि ये सभी मिशन सफल नहीं हों। वैसे भी चंद्रमा पर उतरने में तकनीकी चुनौतियां भी हैं। पिछले साल रूस के लूना 25 लैंडर की विफलता ने इसे साबित किया था।अगले वर्ष भी भू-राजनीतिक घटनाक्रम में प्रगति जारी रहने की संभावना है। भारत 2023 में आर्टेमिस समझौते में शामिल हुआ था, जो चंद्रमा से संबंधित भू-राजनीति में एक बड़े बदलाव और अमेरिकी कूटनीति में सफलता का प्रतीक है।साल 2024 में और भी देश आर्टेमिस समझौते या अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन का हिस्सा बन सकते हैं। अगले साल यदि कई लैंडर सफल होते हैं, तो 2024 में आधुनिक चंद्र युग की शुरुआत मानी जाएगी।
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