भारत का संविधान ही हमें रास्ता दिखा रहा है- संविधान दिवस समारोह में बोले पीएम मोदी, कश्मीर और आपातकाल का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के भविष्य का मार्ग अब बड़े सपनों और बड़े संकल्पों की सिद्धि का है और आज हर देशवासी का एक ही लक्ष्य है विकसित भारत का निर्माण। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए बीते वर्षों में देश में लोगों के बीच आर्थिक और सामाजिक समानता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी
संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं, हमारे संविधान ने हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है। प्रधानमंत्री ने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का भी सामना किया।
संविधान निर्माताओं की पीएम ने की तारीफ
भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उच्चतम न्यायालय के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में अपनी सरकार की ओर से आरंभ की गई कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख भी किया और कहा कि इनसे लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव हो रहा है, देश की प्रगति को गति मिल रही है और संविधान की मूल भावना भी सशक्त हो रही है। उन्होंने कहा कि देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से उचित निर्णय लेकर संविधान की समय-समय पर व्याख्या की जा सके, यह प्रावधान संविधान निर्माताओं ने किया है। उन्होंने कहा कि वे (संविधान निर्माता) यह जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं और उसके सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जानते थे कि आजाद भारत और आजाद भारत के नागरिकों की ज़रूरतें और चुनौतियां बदलेंगी, इसलिए उन्होंने संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा बल्कि, इसे एक जीवंत निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया।
जम्मू कश्मीर का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि संविधान की वजह से ही आज जम्मू-कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान पूरी तरह लागू हुआ है। आज वहां पहली बार संविधान दिवस मनाया गया है। संविधान की मूल प्रति में भी मौजूद प्रभु श्री राम, माता सीता, भगवान हनुमान, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और गुरु गोविंद सिंह के चित्र का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रतीक इन चित्रों को संविधान में इसलिए स्थान दिया गया, ताकि वह हमें मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करते रहे। उन्होंने कहा- ‘‘आज भारत परिवर्तन के इतने बड़े दौर से गुजर रहा है और ऐसे हम समय में भारत का संविधान ही हमें रास्ता दिखा रहा है। हमारे लिए ‘गाइडिंग लाइट’ (मार्गदर्शक) बना हुआ है।’’
खुद को संविधान की मर्यादा में रहने की कही बात
प्रधानमंत्री ने 1949 में संविधान सभा में 26 नवंबर को राजेंद्र प्रसाद के समापन भाषण का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत को आज ईमानदार लोगों के एक समूह से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, जो अपने हितों से आगे देश का हित रखेंगे। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान ने उन्हें जो काम दिया है, उसी मर्यादा में रहने का प्रयास करते हुए उन्होंने अपना संबोधन व्यक्त किया है और उन्होंने अतिक्रमण की कोई कोशिश नहीं की है।
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