देश आज मना रहा संविधान दिवस, पीएम मोदी ने दी बधाई, राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों सदनों को किया संबोधित

संविधान सभा की पहली बैठक नौ दिसंबर 1946 को दिल्ली में पुराने संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में हुई थी। इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए संसद के पुराने भवन के केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ...

संविधान दिवस समारोह

Constitution Day Celebration: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को संविधान सदन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इसके साथ ही भारत के संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह की शुरुआत हुई। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान निर्माण में संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों के योगदान को याद किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्या-क्या कहा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान को देश का सबसे पवित्र ग्रंथ बताते हुए मंगलवार को कहा कि इस प्रगतिशील और जीवंत दस्तावेज के माध्यम से राष्ट्र ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को हासिल किया है। संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा, हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है। हमारा संविधान जीवंत और प्रगतिशील ग्रंथ है। हमारे संविधान के माध्यम से हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया है।

उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष एवं प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और संविधान के रचनाकार डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों के योगदान का भी स्मरण किया। मुर्मू ने संसद के केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, आज अग्रणी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ हमारा देश विश्वबंधु की भूमिका भी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुसार कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का दायित्व मिल-जुलकर नागरिकों के जीवन को सुगम बनाना है। संसद द्वारा पारित किए गए अधिनियमों से इन आकांक्षाओं को मजबूती मिली है।

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