लड़ाई जारी रहेगी, चाहे हमें कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े- वक्फ लॉ पर बोले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने केंद्र सरकार से वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि “वक्फ इस्लामी कानून का एक मौलिक हिस्सा है, जो कुरान और हदीस (पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं) से लिया गया है और यह अन्य दूसरी इबादत की तरह एक धार्मिक कार्य है।”

Mahmood Madani

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी

वक्फ कानून को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मुस्लिम संगठन भी इस मामले को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर लड़ाई जारी रहेगी। इस कानून के खिलाफ लड़ाई बंद नहीं होगी।

ये भी पढ़ें- मुर्शिदाबाद हिंसा पर केंद्र हुआ एक्टिव, 300 BSF जवानों के साथ-साथ 5 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती; 3 लोगों की हो चुकी है मौत

महमूद मदनी का बयान

वक्फ संशोधन अधिनियम पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा- "लड़ाई जारी रहेगी, खत्म नहीं होगी, चाहे हमें कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े। हमने (भारत की) आजादी से पहले भी कुर्बानियां दी हैं। अगर हमें लड़ना है तो हम लड़ेंगे। अगर हमें इंतजार करना है तो हम इंतजार करेंगे। हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं, इस देश के लोग खूबसूरत हैं, बुरे नहीं, सिर्फ कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं... हम इसमें अकेले नहीं हैं...।"

मुर्शिदाबाद के लिए सरकार जिम्मेदार- नियाज अहमद फारूकी

वहीं वक्फ संशोधन अधिनियम पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सचिव नियाज अहमद फारूकी ने कहा- यह लोकतंत्र बनाम तानाशाही है...हमारी स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है और हमारी आवाज को दबाया जा रहा है...हम कोई हिंसा नहीं करेंगे और हिंसा नहीं होने देंगे। मुर्शिदाबाद में जो हुआ उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। अगर आप लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध नहीं करने देंगे, तो यही होगा...वक्फ संशोधन अधिनियम से बिल्डरों को फायदा होगा..."

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक

बता दें कि प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम) ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर संविधान और उसकी मूल अवधारणा का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए वक्फ (संशोधन) अधिनियम को वापस लेने की रविवार को मांग की। बयान के मुताबिक, संगठन ने केंद्र पर वक्फ (संशोधन) कानून के जरिए मुस्लिमों को “दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का संगठित और कुत्सित प्रयास” करने का भी आरोप लगाया। जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में हुई संगठन की कार्य समिति की बैठक में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और दावा किया गया कि यह संशोधित कानून संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन करता है और “वक्फ के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी है।”

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited