Joshimath sinking: जोशीमठ में पहला हादसा, मंदिर गिरा, केंद्र सरकार ने बनाई कमेटी

Joshimath sinking: जोशीमठ में जमीन धंसने के बीच एक मंदिर गिर गया है हालांकि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। इम सबके बीच अध्ययन करने के लिए केंद्र सरकार ने कमेटी गठित की है।

Joshimath sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में 600 से अधिक मकानों में दरार आ चुकी है। राज्य सरकार प्रभावित इलाकों से लोगों को हटा रही है और कहा है कि स्थायी समाधान होने तक किराए की व्यवस्था सरकार करेगी। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने भूस्खलन का अध्ययन करने के लिए कमेटी का गठन किया है जो तीन दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। बता दें कि 100 मकानों पर गंभीर खतरा है, 3 हजार से अधिक लोगों की रिहायश पर भी संकट है। बताया जा रहा है कि सिंहधार में एक मंदिर गिरा है जिसके बाद लोग और ज्यादा दहशत में हैं। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई, तो उस वक्त मंदिर के भीतर कोई नहीं था, क्योंकि करीब 15 दिन पहले इसमें बड़ी दरार आने की घटना के बाद इसे खाली कर दिया गया था।आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गयी हैं और करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है ।

आपदा प्रबंधन के निदेशक पंकज चौहान ने बताया कि उनलोगों के अलावा 60 अन्य परिवारों को दूसरे स्थान पर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिये बने कॉलोनी में रहते थे।उल्लेखनीय है कि मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित है, जहां तीन दिन पहले एक जलभृत फूटा था। क्षेत्र के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि जलभृत से पानी का बहाव लगातार जारी है ।‘चारधाम ऑल वेदर रोड’ (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी बड़ी परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को स्थानीय लोगों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है।

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