जिस चारा घोटाले में हुई थी लालू यादव को सजा, अब उसी में 52 और घोटालबाजों को हुई जेल, 35 बरी
रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में सोमवार को 52 लोगों को विभिन्न अवधि के कारावास की सजा सुनाई। इसमें अधिकतम सजा तीन साल कैद की सुनाई गई है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने मामले में 35 अन्य लोगों को बरी कर दिया।
चारा घोटाले में लालू यादव को पहले ही हो चुकी है सजा
जिस चारा घोटाले में राजद प्रमुख लालू यादव को सजा हो चुकी है, अब उसी मामले में 52 और आरोपियों को सजा हुई है। साथ ही 35 आरोपियों को इस मामले में बरी कर दिया गया है। लालू यादव फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं।
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सीबीआई कोर्ट का फैसला
रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में सोमवार को 52 लोगों को विभिन्न अवधि के कारावास की सजा सुनाई। इसमें अधिकतम सजा तीन साल कैद की सुनाई गई है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने मामले में 35 अन्य लोगों को बरी कर दिया।
क्या है चारा घोटाला
मामला एकीकृत बिहार के डोरंडा कोषागार से कपटपूर्ण तरीके से 36.59 करोड़ रुपये निकालने से जुड़ा है। यह रकम 1990 से 1995 के बीच निकाली गई। 1996 में, पटना उच्च न्यायालय ने चारा घोटाला मामलों की जांच का आदेश दिया था। मामले में कई आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील संजय कुमार ने बताया कि इस मामले में जिन अन्य लोगों पर मुकदमा चलाया गया है, उनकी सजा एक सितंबर को सुनाई जाएगी।
कई कोषाकारों से अवैध निकासी
डोरंडा, देवघर, दुमका और चाईबासा के कोषागारों से कपटपूर्ण तरीके से करोड़ों रुपये निकाले जाने से जुड़ा यह घोटाला 1990 के दशक में उजागर हुआ था, जब झारखंड बिहार का हिस्सा था। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद उन चर्चित नेताओं में से एक हैं, जिन्हें इस मामले में दोषी ठहराया गया था। फिलहाल वह खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर हैं।
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