जिन शालिग्राम से बनेगी Ayodhya में भगवान राम-सीता की मूर्ति, वो आज नेपाल से पहुंचेंगी गोरखपुर; जानिए क्यों हैं खास

​Shaligram for Ayodhya Ram Mandir: नेपाल के जनकपुरधाम यानि त्रेतायुग की मिथिला से अयोध्या का 6 करोड़ सालों से ज्यादा पुराना संबंध न सिर्फ गहरा है बल्कि भावों से भरा हुआ भी है। श्रीराम का बालस्वरूप साकार होने में अब विलंब नहीं है रामभक्त आह्लादित हैं क्योंकि ये शिला अति विशिष्ट है।

Ayodhya News: नेपाल (Neapl) से भेजी गई 2 शालिग्राम शिलाओं को लेकर बड़ी खबर आ रही है। नेपाल से भेजी गई 2 शालिग्राम (Shaligram) शिलाएं आज यूपी के गोरखपुर पहुंचेंगी..जिसका सीएम योगी (Yogi Adityanath) खुद स्वागत करेंगे। आज दोपहर तक इन शिलाओं के गोरखपुर पहुंचने की संभावना है। गोरखनाथ मंदिर में ही देवशिला रथ का रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद 1 फरवरी की सुबह मुख्यमंत्री विधि-विधान से रथ को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे। जगह जगह पर लोग शालिग्राम वाहन की पूजा कर रहे हैं। जिस वाहन में यह लाई जा रही हैं उसके टायर और शालिग्राम शिला को छूने की होड़ लगी है।

झलक पाने के लोग बेताबशिलाओं से रामलला और माता जानकी की मूर्ति बनाई जाएंगी। रास्ते में हजारों की संख्या में खड़े लोग इन शिलाओं की एक झलक पाने को बेताब हैं। शालिग्राम शिलाओं के स्वागत में कई जगहों पर भजन-कीर्तन हो रहे हैं। आज टाइम्स नाउ नवभारत पर शालिग्राम शिलाओं को लेकर मेगा कवरेज दिन भर जारी रहेगी। ट्रक पर फूल मालाओं से लदी, रोली से श्रंगार की गई ये शिला कोई मामूली शिला नहीं ये है बल्कि इससे ही बनेगी श्रीरामलला की प्रतिमा जो विराजेगी अयोध्या उनके धाम में।

बनाए गए स्वागत द्वारदेश के 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं की आस्था का प्रतीक भगवान श्री राम और जानकी की प्रतिमा धरती पर उनके ही अंश स्वरूप माने जाने वाले शालिग्राम से बनेंगी। शालिग्राम पत्थर की 15 और 23 टन की दो शिलाएं माता जानकी के मायके यानि नेपाल से सड़क मार्ग के जरिए अयोध्या लाई जा रही हैं। विष्णुस्वरूप भगवान शालिग्राम शिलाओं के नेपाल से भारत में प्रवेश के लिए बिहार के मधुबनी जिला में जटही बॉर्डर पर यूं स्वागत द्वार बनाए गए हैं। भारत में शिला का वेलकम करने के लिए गेट बनाया गया.. लोग नाच गा रहे हैं..

शालिग्राम शिला के अयोध्या आगमन मार्ग में भगवान शालिग्राम की सवारी जहां जहां से गुजर रही है रामभक्तों का समंदर उमड़ पड़ रहा है। जो शालिग्राम शिलाएं भगवान श्री राम का स्वरूप लेंगी उन्हें छूने मात्र से रामभक्त खुद को धन्य मान रहे हैं.. और जय श्री राम का उद्घोष बरबस ही कर रहे हैं। नेपाल के जनकपुर से पूरे विधि विधान और हजारों लोगों की श्रद्धा का संबल लिए ये पवित्र शिला शास्त्रोचित रीति से पूरे विधि विधान के साथ पूजन के बाद जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल एक्सपर्ट की देखरेख में अवध नगरिया आ रही है।

क्यों खास है काली गंडकी की शिला ?
  1. श्री राम की ससुराल से आईं
  2. 24 टन, 16 टन है वजन
  3. भगवान विष्णु का अंश
  4. बाल स्वरूप रामलला बनेंगे
  5. श्याम वर्ण के होंगे रामलला
  6. 463KM दूर से आईं शिलाएं
  7. नेपाली नदी गंडकी से आईं
  8. 6 करोड़ साल पुरानी शिला
  9. करोड़ों साल होती है उम्र
काली गंडकी नदी से निकले पत्थरों में विष्णु का वास माना जाता है। इन पत्थरों में भगवान विष्णु से जुड़े चिह्न मिलते हैं जिन्हें शालिग्राम कहा जाता है। शालिग्राम में शंख चक्र, वज्र, पद्म के चिह्न होते हैं। श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। विष्णु के इन्हीं अवतार भगवान श्रीराम के आदर्शों से दुनिया को मर्यादापुरुषोत्तम से साक्षात कराती राम चरित मानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है। मानस की प्रतियां जलाई जा रही हैं.. रामभक्त इन दुष्कृत्यों से बेहद नाराज हैं।

'अयोध्या' से अभिषेक श्रीवास्तव का इनपुट

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

किशोर जोशी author

राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited