तूफान के रुख को भी मोड़ देगा भारत का यह रेलवे ब्रिज, 10 प्वाइंट्स में जानें खासियत

Chenab bridge: जम्मू कश्मीर के रेयासी जिले में बन रहे ऑर्क ब्रिज को इंजीनियरिंग का नायाब उदाहरण माना जाता था। दशकों के अथक प्रयास के बाद अब कुछ महीनों में फर्राटे से ट्रेनें इस ब्रिज से गुजरा करेंगी।

रेयासी जिले में है ब्रिज

मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर के रेयासी में है यह ब्रिज
  • चेनाब नदी पर निर्माण, एफिल टॉवर से ऊंचा
  • उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला प्रोजेक्ट का हिस्सा

Chenab bridge: भारतीय रेल की पहचान अब सिर्फ यह नहीं कि ट्रेनें हमेशा विलंब से चलती हैं, स्टेशन साफ सुथरे नहीं होते या इंफ्रास्ट्रक्चर में हम कहीं पीछे हैं। भारतीय रेल की यात्रा में कामयाबी के कई पड़ाव है जिनमें से एक जम्मू कश्मीर के रेयासी जिले में बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा ऑर्क ब्रिज है। यह ब्रिज तकनीक की सर्वोच्च कामयाबी को हम सबके सामने रखता है। इस ब्रिज के बारे में कहा जाता था कि इसकी कल्पना, डिजाइन सिर्फ कागजों में उतारा जा सकता था। लेकिन 2017 से अब तक के सफर में यह ब्रिज जमीन पर उतर चुका है और आज से करीब सात से आठ महीने के बाद यह ब्रिज रेल यात्रा के लिए खोला दिया जाएगा। रेलवे के मुताबिक दिसंबर 2023 या अधिकतम जनवरी 2024 में यह ऑपरेशनल हो जाएगा।यह ब्रिज 260 किमी प्रति घंटे वाली हवा की रफ्तार को झेलने में सक्षम है।इसके अलावा इस ब्रिज की जीवन अवधि 120 साल होगी।

चेनाब रेल ब्रिज की खासियत

  • चेनाब रेल ब्रिज, कटरा और बनिहाल को जोड़ेगा
  • इसकी ऊंचाई 359 मीटर जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक ऊंचा है।
  • उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे खंड का यह हिस्सा है, इस परियोजना की कीमत 35 हजार करोड़ है।
  • चेनाब रेल ऑर्क ब्रिज रेयासी जिले के बक्कल और कौड़ी हिस्से में है।
  • इस ब्रिज को बनाने में 14 00 करोड़ की लागत आ रही है।
  • इस प्रोजेक्ट को 2003 में ग्रीन सिग्ननल मिला, 2004 में काम शुरू हुआ।
  • 2009 में काम को तेज हवाओं की वजह से कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
  • 2017 में इसका आधार वाला हिस्सा बनकर तैयार हुआ
  • 2021 अप्रैल में मेन ऑर्क पर काम शुरू हुआ
  • अगस्त 2022 में स्टील और कंक्रीट से बने मेन ऑर्क के काम को पूरा किया गया।
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