न्यायपालिका तक पहुंच को हथियार बनाया जा रहा है, व्हिप से लगता है स्वतंत्रता पर अंकुश: धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद की कार्यवाही को बाधित करने वाले विपक्ष को भी खरी-खोटी सुनाई। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये दुख की बात है, लोग मर्यादा भूल गए हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फोटो- @VPIndia)

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका तक पहुंच को ‘हथियार’ बनाया जा रहा है और यह भारत के शासन और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक बड़ी चुनौती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि संस्थाएं अपने अधिकार क्षेत्र में काम नहीं कर रही हैं। उनका यह भी कहना था कि संसद में जनप्रतिनिधियों पर व्हिप लगाना उनकी लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को अवरुद्ध करना है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) के छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर विचार रखे। लोकतांत्रिक मूल्यों की वकालत करते हुए वर्तमान राजनीतिक हालातों पर नजर रखकर आगे बढ़ने की सलाह दी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद की कार्यवाही को बाधित करने वाले विपक्ष को भी खरी-खोटी सुनाई। उपराष्ट्रपति ने कहा, "ये दुख की बात है, लोग मर्यादा भूल गए हैं।" उन्होंने कहा, "लोकतंत्र का मंदिर अब अखाड़ा बन गया है। क्या कुछ देखने को नहीं मिल रहा है, क्या कुछ सुनने को नहीं मिल रहा है। मर्यादा शब्द ही लोग भूल गए हैं, गरिमा नाम की कोई चीज ही नहीं रही है। जिस तरह के दृश्य हम अपनी संसद में देखते हैं, वह निश्चित रूप से देश में किसी के लिए भी प्रेरणादायक नहीं है।"

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