Uma Bhagwati Temple: कश्मीर के अनंतनाग में देवी उमा भगवती का मंदिर फिर से खोला गया 30 साल बाद
Uma Bhagwati Temple Anantnag: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के शांगुस इलाके में प्राचीन माता उमा भगवती मंदिर 34 साल बाद श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गया।
- कश्मीर के अनंतनाग में प्राचीन माता उमा भगवती मंदिर 34 साल बाद श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गया
- देवी उमा भगवती के प्राचीन मंदिर का पिछले साल ट्रस्ट द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था
- राजस्थान से लाई गई देवी उमा की मूर्ति को धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में स्थापित किया गया
Uma Bhagwati Temple Anantnag J&K Reopened: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित देवी उमा भगवती का मंदिर 30 साल से अधिक समय बाद 14 जुलाई को केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की मौजूदगी में फिर से खोला गया अधिकारियों ने बताया कि जीर्णोद्धार कार्य के बाद उद्घाटन समारोह के दौरान मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के शांगुस इलाके में प्राचीन माता उमा भगवती मंदिर 34 साल बाद श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गया।अनंतनाग के शांगुस तहसील के उमा नगरी ब्रायंगन में देवी उमा भगवती के प्राचीन मंदिर का पिछले साल ट्रस्ट द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था, हजारों कश्मीरी पंडितों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया और तीन दशकों के बाद मंदिर में विशेष प्रार्थना की।
ये भी पढ़ें-Jagannath Temple Treasure: एक बजकर 28 मिनट पर खुला जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, अलर्ट मोड में प्रशासन
राजस्थान से लाई गई देवी उमा की मूर्ति को धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में स्थापित किया गया। स्थानीय कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों ने मंदिर के जीर्णोद्धार पर खुशी व्यक्त की।
'हम अपने पंडित भाइयों की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार हैं'
स्थानीय निवासी गुलजार अहमद ने कहा, 'हम अपने पंडित भाइयों की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार हैं।' उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि 34 साल बाद मंदिर में कोई धार्मिक समारोह आयोजित किया गया है।
उन काले दिनों को याद किया जब उन्होंने कश्मीर छोड़ा था
कश्मीरी पंडितों के अनुसार, 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद इस मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। TN Navbharat से बात करते हुए कश्मीरी पंडित भावुक हो गए और उन काले दिनों को याद किया जब उन्होंने कश्मीर छोड़ा था।कश्मीरी पंडितों ने कहा कि 1990 से पहले शांगुस का ब्रायंगन गांव हिंदू बहुल गांव था, लेकिन 90 के दशक में उग्रवाद के कारण कश्मीरी पंडितों ने यहां से पलायन कर लिया।
गांव में केवल एक जोड़ा रह गया था और उन्हें भी आतंकवादियों ने निशाना बनाया
कश्मीरी पंडितों का कहना है कि गांव में केवल एक जोड़ा रह गया था और उन्हें भी आतंकवादियों ने निशाना बनाया। कश्मीरी हिंदुओं ने मंदिर के महत्व और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में भी बताया। 2019 के बाद कश्मीर में स्थिरता देखी जा रही है और इससे कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है जो अब वापस लौट रहे हैं और मंदिरों को फिर से खोल रहे हैं। इससे पहले, नियंत्रण रेखा के पास टीटवाल में माता शारदा का मंदिर फिर से खोला गया था। यूटी प्रशासन ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत श्रीनगर में मंदिरों सहित कई धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार भी किया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें
Iskcon एक कट्टरपंथी संगठन है, बांग्लादेश ने अदालत से प्रतिबंध की मांग वाली याचिका पर कहा
महाराष्ट्र के नए सीएम पर एकनाथ शिंदे ने दिए बड़े संकेत, कहा- PM मोदी की हर बात मंजूर, BJP जिसे चाहे CM बनाए
वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड की मांग वाली अर्जी खारिज, दिल्ली HC ने कहा-यह नीतिगत मामला, सरकार के पास जाएं
अडानी मुद्दे पर संसद में संग्राम, राहुल बोले- उन्हें जेल में होना चाहिए, लेकिन सरकार बचा रही है
संभल हिंसा में हुए नुकसान की वसूली करेगी यूपी सरकार, लगाए जाएंगे उपद्रवियों के पोस्टर
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited