संविधान में SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर के लिए कोई प्रावधान नहीं- कैबिनेट मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चर्चा

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने एक अगस्त को कहा था कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए एक नीति बनानी चाहिए और उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करना चाहिए।

एससी, एसटी आरक्षण में ‘मलाईदार तबके' के लिए प्रावधान नहीं: कैबिनेट

मुख्य बातें
  • मोदी कैबिनेट की मीटिंग में एससी एसटी आरक्षण की चर्चा
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हुई चर्चा
  • संविधान के अनुसार काम करेगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि एससी एसटी आरक्षण में वो संविधान के अनुसार ही काम करेगी। कैबिनेट मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चर्चा होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संविधान में क्रीमी लेयर के लिए कोई प्रावधान नहीं है। ‘क्रीमी लेयर’ का तात्पर्य एससी एवं एसटी समुदायों के उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में मीटिंग

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कहा कि भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण में ‘मलाईदार तबके’ (क्रीमी लेयर) के लिए कोई प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए संविधान में प्रदत्त आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई।

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