Mallikarjun Kharge ने संभाली Congress की कमान, पर आगे है चुनौतियों का पहाड़, पार करनी होंगी ये अग्निपरीक्षाएं
Congress President Mallikarjun Kharge challenges: कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 साल के खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी और 66 बरस के सीनियर नेता शशि थरूर को मात दी थी। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है।
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।
Congress President Mallikarjun Kharge challenges: कांग्रेस (Congress) के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने बुधवार (26 अक्टूबर, 2022) को पदभार संभाल लिया। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री उन्हें औपचारिक रूप से निर्वाचन प्रमाणपत्र सौंपा। इस बीच, सोनिया गांधी ने कहा- मुझे विश्वास है कि खड़गे से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार मजबूत होगी। आज कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के सामने जो संकट पैदा हुआ है, उसका हम सफलतापूर्व मुकाबला करें। कांग्रेस के सामने पहले भी बड़े-बड़े संकट आए हैं, लेकिन पार्टी ने कभी हार नहीं मानी है, सभी को मिलकर आगे बढ़ना है।
वैसे, इस जिम्मेदारी के साथ ही उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ आकर खड़ा हो गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके सामने एक नहीं बल्कि कई अग्निपरीक्षाएं हैं, जिससे उन्हें पार पाना होगा। सबसे पहले उनके सामने राजस्थान का सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) तत्काल चुनौती बनकर सामने है। दरअसल, राजस्थान और कर्नाटक में पार्टी के भीतर जारी रस्साकशी ने पार्टी की परेशानी और बढ़ा दी है, जबकि आगे गुजरात (Gujarat Assembly Elections) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Assembly Elections) के विधानसभा चुनाव (अगले कुछ हफ्तों में) भी बड़ा चैलेंज हैं।
गुजरात और हिमाचल चुनाव में कांग्रेस के बेहतर करने की उम्मीदें बड़ी चुनौती है, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत पकड़ है। ऐसे में 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। यह उनके लिए सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा रहेगी।
वैसे, खड़गे के पक्ष में भी कुछ चीजें नजर आ रही हैं। मसलन उनकी छवि सबको साथ लेकर चलने की रही है और उनकी यह खूबी यहां से आगे का सफर तय करने में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। मौजूदा समय में सिर्फ दो सूबों (राजस्थान और छत्तीसगढ़) में ही कांग्रेस की सरकार है। इस परीक्षा के बाद 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें उनका गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल है।
पार्टी में पीढ़ीगत आधार पर विभाजन भी एक चुनौती है और उन्हें अनुभवी नेताओं व युवाओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। यही नहीं, उन्हें गांधी परिवार के ‘रिमोट कंट्रोल’ से चलने की धारणा को भी गलत साबित करने की चुनौती का सामना करना होगा। उनके सामने एक चुनौती ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को लागू करने और अपनी नयी टीम में सभी समीकरणों को साधते हुए किसी को नाराज नहीं करने की भी होगी।
कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 साल के खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी और 66 बरस के सीनियर नेता शशि थरूर को मात दी थी। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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