कारगिल युद्ध के सबसे खतरनाक हथियार, जिसने पाकिस्तान को कहीं का नहीं छोड़ा

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल युद्ध में बोफोर्स जैसे खतरनाक तोप और इजरायल से मिले आधुनिक हथियारों के आगे पाकिस्तानियों ने घुटने टेक दिए थे। इजरायल ने कारगिल में भारत की कैसे मदद की थी, ये आपको समझाते हैं। इन ताकतवर हथियारों से भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के खदेड़ दिया।

कारगिल युद्ध में हुआ था इन हथियारों का इस्तेमाल।

Kargil War Weapons: दूसरे विश्व युद्ध के बाद कारगिल युद्ध को इतिहास का सबसे खतरनाक और भयावह युद्ध माना जाता है। इसकी वजह है कि कारगिल युद्ध में भारी मात्रा में विस्फोटक, रॉकेट, मिसाइल, तोप और मोर्टार का इस्तेमाल किया गया था। एक अनुमान के अनुसार कारगिल वॉर में करीब ढाई लाख गोले, पांच हजार बम और 300 से ज्यादा मोर्टार दागे गए थे। जिस दिन भारतीय सैनिकों ने टाइगर हिल्स से दुश्मन पाकिस्तान फौज को पीछे धकेला और उस दिन करीब 9,000 गोले जवानों ने दागे थे।

बोफोर्स तोप ने कारगिल युद्ध में दिखाई ताकत

कारगिल युद्ध में बोफोर्स तोप का खूब इस्तेमाल किया गया था। इस तोप ने अपना जलवा लड़ाई के मैदान में ऐसा दिखाया कि पाकिस्तानी फौजियों के होश फाख्ता हो गए थे। बोफोर्स के आग बरसाते गोलों ने दुश्मन को पोस्ट छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया था। साथ ही बोफोर्स तोप की बौछार की बदौलत सेना को कवर मिला और उसने लगातार आगे बढ़ते हुए घुसपैठियों को मार गिराया।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद नहीं हुआ था कभी ऐसा

कारगिल युद्ध में बोफोर्स ने दुश्मनों के बंकरों को भारी नुकसान पहुंचाया था। 30 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगाने वाली बोफोर्स सक्षम है। 105mm के गोले, 160mm और 120mm के मोर्टार, 122mm ग्रैड और BM 21 रॉकेट लॉन्चर से जबरदस्त हमला बोला गया था। भारतीय सेना ने फॉयर अटैक-1 राउंड फायर प्रति मिनट के हिसाब से 17 दिन तक लगातार किया। इतनी जबरदस्त फायरिंग दुनिया की किसी भी लड़ाई में दूसरे विश्व युद्ध के बाद नहीं हुई थी।

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