देश में उफान पर ये नदियां, मचा रही तबाही, मुश्किल में पड़ी हजारों की जान
देशभर के अधिकतर राज्यों में भारी बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। कौन सी नदियां उफान पर है और कैसे इसने तबाही मचाई है, आपको बता रहे हैं।
River Creating Havoc: देश के कई राज्यों में इन दिनों बारिश का कहर जारी है और लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। खास तौर पर उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना में भारी बारिश हुई है और नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। कौन सी नदियां उफान पर है और कैसे इसने तबाही मचाई है, आपको बता रहे हैं।
दिल्ली- यमुना नदी
दिल्ली में यमुना नदी ने जमकर कहर मचाया है। इस बार यमुना नदी कई बार खतरे के निशान को पार कर चुकी है। लगातार बारिश के बाद हालात ये रहे कि दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। सुप्रीम कोर्ट से लेकर लाल किले तक इलाके पानी में डूब गए। आईटीओ की पूरी सड़क कई दिनों तक जलमग्न हो गए। यमुना से लगते कई जगहें पानी में डूब गईं। लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
यूपी-हिंडन नदी
उधर, इसकी सहायक नदी हिंडन नदी उफान भी उफान पर आ गई है। हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा मंडरा रहा है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कम से कम छह नदियां एवं उपनदियां उफान पर हैं और इनसे बाढ़ आने का खतरा बना हुआ है। 16 जुलाई को हिंडन नदी का जलस्तर 198.95 मीटर रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, हिंडन बैराज पर खतरे का निशान 205.80 मीटर है। हिंडन नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और गाजियाबाद से बहते हुए गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना नदी में मिलती है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आ गया। वहीं, बागपत में यमुना नदी की उपनदियां कृष्नी और हिंडन उफान पर हैं। इनके अलावा बदायूं में गंगा नदी और आगरा के बातेश्वर इलाके में यमुना नदी का जल स्तर काफी अधिक है और इनका बहाव तेज है।
हिमाचल- ब्यास नदी
हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी का कहर सबने देखा है। यहां नदी में ऐसा उफान आया कि कई कारें नाव की तरह इसमें बहने लगी। कुछ लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। हिमाचल में लगातार बारिश से भूस्खलन हुआ और नेशनल हाईवे भी टूटा जिससे लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। जुलाई महीने की शुरुआत में यहां सैकड़ों पर्यटक फंस गए थे जिन्हें बमुश्किल बचाया गया। अब भी येलो अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बनकर टूट रही है पहाड़ दरक रहे हैं, वही नदी-नाले पूरे उफान पर है लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालात ये बने हुए हैं कि कई जगह पहाड़ दरकने से सड़कें और रास्ते बंद हो गए हैं जिसकी वजह से आवाजाही ठप हो गई है।
तेलंगाना- जंपन्ना वागु नदी
तेलंगाना में भी हालात खराब हैं। यहां लगातार बारिश से भारी मुश्किलें पैदा हो गई हैं। कई लोग बाढ़ में फंसे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तेलंगाना के मुलुगु जिले के कोंडई गांव में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। एनडीआरएफ की टीमें जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से जंपन्ना वागु नदी के उफनते पानी में डूबे गांव के लोगों को बचाने की कोशिश में जुटी हैं। ग्रामीणों ने मदद के इंतजार में घरों की छतों पर रात बिताई। बताया जा रहा है कि करीब 60-70 लोग बिना भोजन और पानी के फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड- गंगा नदी
धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बुधवार रात 26 जुलाई को चेतावनी के निशान को पार कर गया। बुधवार देर रात गंगा का जलस्तर चेतावनी निशान के ऊपर 293.05 मीटर दर्ज हुआ। दोपहर के समय से गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा था। रात 11 बजे गंगा चेतावनी के निशान से ऊपर बहने लगी। पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। प्रशासन अलर्ट पर है। इसी तरह रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी भी विकराल रूप धारण करके बह रही है।
गुजरात- पूर्णा नदी
गुजरात में पूर्णा नदी के उफान से नवसारी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यहां कई निचले इलाके डूबे हुए हैं। इसके अलावा राज्य के कई अन्य इलाकों में भी बारिश से हालात बिगड़े हुए हैं। वहीं, गुजरात में औरंगा नदी उफान पर है घरों में लोगों को पानी घुस गया है। नवसारी में एनडीआरएफ टीम मौजूद है लोगों बाहर निकालने का काम कर रही है। द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई है। वहीं, महाराष्ट्र के रायगढ़ और यवतमाल, मुंबई समेत कई हिस्सों में बुरा हाल है। रायगढ़ में भूस्खलन में 15 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
असम-ब्रह्मपुत्र नदी
असम के अधिकतर जिलों में इस समय बाढ़ की स्थिति गंभीर है क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी उफान पर है। इसके अलावा, ब्रह्मपुत्र धुबरी और तेजपुर में, जबकि बेकी, बुरिडीहिंग और संकोश नदियां गोलकगंज में खतरे के निशान से ऊपर आ चुकी हैं। हजारों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी के बाद असम के चिरांग और बोंगाईगांव जिलों में बाढ़ आ गई थी। असम के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे लगभग 67,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
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