बिहार के एक गांव के इस व्यापारी को मिलेगा प्रवासी भारतीय का सर्वोच्च सम्मान, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

honor of Pravasi Bharatiya: 52 वर्षीय अशोक तिवारी पेशे से शायना फार्मा कंपनी के सीएमडी हैं। लंबे समय से वे अपने दवा कारोबार के साथ साथ ताशकंद में सामाजिक रूप से भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

honor of Pravasi Bharatiya

अशोक तिवारी को भारत सरकार 'प्रवासी भारत सम्मान' से सम्मानित करने जा रही है

मुख्य बातें
  1. अशोक तिवारी को भारत सरकार 'प्रवासी भारत सम्मान' से सम्मानित करने जा रही है
  2. तिवारी उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के चेयरमैन भी हैं
  3. अशोक तिवारी भारत सरकार के इस फैसले से खुद चौंक गए
Highest Honor of Pavasi Bharatiya : बिहार के सारण जिले के पकरी गांव से जाकर उज्बेकिस्तान (ताशकंद) में व्यवसाय करने वाले अशोक तिवारी को भारत सरकार 'प्रवासी भारत सम्मान' से सम्मानित करने जा रही है। विदेश में रहकर अपना नाम कमाने वाले भारतीयों को दिया जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। तिवारी उन 27 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें मध्यप्रदेश के इंदौर में 8 से 10 जनवरी में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय समारोह में इस पुरस्कार नवाजा जाएगा।
तिवारी उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के चेयरमैन भी हैं। वे भारत की संस्कृति, मूल संस्कार, विरासत और उसकी पहचान को विदेशी की धरती में जीवित रखने के लिए समय समय पर कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित करते आए हैं।

अशोक तिवारी भारत सरकार के इस फैसले से खुद चौंक गए

उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि,यह मेरे लिए भी आश्चर्य की बात है। यह पुरस्कार पाकर मैं बहुत खुश हूँ। भारत सरकार ने उज्बेकिस्तान में भारतीय समुदाय के लिए किए गए मेरे काम को पहचाना और सराहा है। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मेरे जन्मभूमि भारत ने मेरे काम को मान्यता दी है। दवाइयों के व्यवसाय करने के आलावा, मैं समाज को कुछ देने में विश्वास रखता हूं।
उन्होंने कहा, इस पुरस्कार के लिए मैं भारत सरकार और हर भारतीय को धन्यवाद देना चाहूंगा। आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहते हो लेकिन आपका जज्बा हमेशा भारत माता के गौरव को बढ़ाने वाला होना चाहिए। इस पुरस्कार को मैं अपनी मां, अपने परिवार, मेरे दोस्त और मेरी कर्मभूमि उज्बेकिस्तान समर्पित करना चाहता हूं। इस महत्वपूर्ण पुरस्कार के लिए मैं उज्बेकिस्तान में बसे हर भारतीय दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। जो पिछले 20 वर्षों से मेरे हर कदम पर मेरे साथ है।

इन पुरस्कारों के लिए 27 अप्रवासी भारतीयों को चुना गया है

हाल ही में भारत सरकार ने 17 वें प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार का ऐलान किया। इन पुरस्कारों के लिए 27 अप्रवासी भारतीयों को चुना गया है। यह प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है, जो विदेशों में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 से 10 जनवरी के बीच किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगी। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार एनआरआई, भारतीय मूल के लोगों या उनकी ओर से चलाई जा रही संस्थाओं को दिया जाता है, जो विदेशों में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करते हैं

ऐसे होता है पुरस्कार के लिए चयन

प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के लिए नामों के चयन को लेकर बनाई गई समिति की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति करते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। वहीं, इस समिति के अन्य सदस्य अलग-अलग जगहों से आते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के लिए समिति नामांकनों पर विचार करती है और सर्वसम्मति से विजेताओं का चयन किया जाता है।
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प्रेरित कुमार author

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