Noida: एसिड अटैक सर्वाइवर के लिए वरदान साबित हो रहा नोएडा का ये रेस्टोरेंट

दिल्ली के द्वारका में एसिड अटैक की घटना ने एक बार फिर से महिला सुरक्षा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। द्वारका में दिनदहाड़े बाइक सवार 2 आरोपियों ने 12वीं क्लास की छात्रा पर तेजाब फेंक दिया। जिसका सफदजंग अस्पताल में इलाज जारी है। इस बीच हम आपको एक ऐसे रेस्टोरेंट के बारे में बताने जा रहे हैं। जो एसिड अटैक सर्वाइवर के लिए वरदान साबित हो रहा है।

कैफे की एक तस्वीर

कैफे की एक तस्वीर

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Noida News: नोएडा के सेक्टर 21 स्थित स्टेडियम में एक ऐसा कैफे है। जिसे एसिड अटैक (Acid Attack Survivor) सर्वाइवर चलाती हैं। यह कैफे ऐसे लोगों द्वारा चलाया जा रहा है जिनको अभी तक हमारे समाज ने पूरी तरीके से नहीं अपनाया है। देश में हर साल करीब 100 मामले एसिड अटैक के आते हैं। जिनमें लड़कियों के चेहरे पर तेजाब डालकर उनका चेहरा खराब कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि यह लड़कियां अपने चेहरे को लेकर किसी के सामने न जा पाएं। किसी से नजर ना मिला पाए और जीवन भर मानसिक कुंठा में घुटने को मजबूर हो जाए। लेकिन इन सब के बीच नोएडा में चलाए जा रहे इस कैफे के लोगों के हौसले को आप सलाम करने से नहीं रोक पाएंगे।

शीरोज नाम कैसे पड़ा? शीरोज नाम शी और हीरोज से मिलकर तैयार हुआ है। ये दिल्ली एनसीआर का पहला ऐसा कैफै है, जिसे एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां चलाती हैं। इस कैफे को 7 से ज्यादा एसिड अटैक सर्वाइवर लड़कियां मिलकर चलाती हैं। ये वो लड़कियां हैं जो हादसे के बाद कई महीनों तक अपने घर रहीं। अपने आप को मजबूत किया और फिर से कुछ कर गुजरने की ठानी। ये लड़कियां सबके सामने आकर मेहनत कर रही हैं और अपना घर चला रही हैं।

नोएडा प्राधिकरण ने की खास मदद शीरोज हैंगआउट के PRO अजय तोमर बताते हैं कि एसिड अटैक सर्वाइवर की मदद करने में नोएडा प्राधिकरण का अहम योगदान रहा है। नोएडा अथॉरिटी ने उन्हें सेक्टर 21 स्थित स्टेडियम में जगह दी। प्राधिकरण के अलावा छांव फाउंडेशन ने भी उनकी मदद की। इसके अलावा समय-समय पर अलग-अलग NGO के माध्यम से उन्हें सामाजिक और आर्थिक तौर पर मदद मिलती रहती है।

आगरा से हुई शीरोज कैफे की शुरुआत

मिरर नाउ से बातचीत करते हुए पीआरओ अजय तोमर ने बताया कि शीरोज कैफे की शुरूआत साल 2014 में आगरा से हुई। उस समय छांव फाउंडेशन की मदद से एसिड अटैक सर्वाइवर की मदद करने की पहल की गई थी। इसके बाद साल 2016 में लखनऊ और 2021 में नोएडा में शीरोज हैंगआउट के दूसरे कैफे खोले गए।

कौन हैं नोएडा में शीरोज चलाने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर नोएडा में 7 से ज्यादा एसिड अटैक सर्वाइवर शीरोज कैफे का संचालन करती हैं। जिनमें हरियाणा के रोहतक की रहने वाली रितु, यूपी के बलरामपुर की रहने वाली नगमा, वहीं ओडिशा की रहने वाली मानिनि हैं। रितु पर 26 मई साल 2012 पर तेजाब से हमला किया गया था। वहीं नगमा पर साल 2014 और मानिनि पर 2016 में यह भयावह घटना घटी थी।

छांव फाउंडेशन ने बदली जिंदगीमिरर नाउ से बात करते हुए एसिड अटैक सर्वाइवर रितु ने बताया कि छांव फाउंडेशन की मदद से उन्होंने नई जिंदगी की शुरूआत की है। उनके मुताबिक इस फाउंडेशन ने शीरोज कैफे खोलने में काफी मदद की। जिसके चलते वो समाज में फिर से कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही हैं। रितु ने प्रदेश सरकारों और केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें खुले में एसिड बेचने वालों पर सख्ती करनी चाहिए। साथ ही अटैक सर्वाइवर के लिए फंड का भी बढ़ाना चाहिए।

शीरोज के फाउंडर्स की अपीलशीरोज कैफे के फाउडिंग मेंबर्स में से एक आशीष शुक्ला ने मिरर से बात करते हुए कहा कि सरकार को एसिड अटैक सर्वाइवर के लिए अलग योजना बनानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि घटना के बाद पीड़िता की काउंसलिंग, पढ़ाई और भविष्य पर चर्चा की जानी चाहिए। साथ ही प्रशासन को समय-समय पर बाजारों में तेजाब की जांच करनी चाहिए।

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लेटेस्ट न्यूज

अभिजीत शर्मा author

अभिजीत शर्मा मिरर नाऊ में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं। अभिजीत पिछले 5 सालों से पत्रकारिता जगत में हैं। अभिजीत को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में काम ...और देखें

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