आजाद बोल पर पहरेदारी ठीक नहीं, मानहानि पर राजीव गांधी का था यह नजरिया

Defamation case: मानहानि मामले पर राहुल गांधी को सजा सुनाई जा चुकी है और उसका राजनीतिक असर भी हुआ है। नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट है। आप सांसद राघव चड्ढा इस विषय पर प्राइवेट बिल लाने वाले हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूतपूर्व राजीव गांधी की सोच इस विषय कैसी थी।

राजीव गांधी, भूतपूर्व पीएम

मुख्य बातें
  • ब्रिटिश राज में मानहानि का था प्रावधान
  • आजादी मिलने के बाद आईपीसी 499 में नहीं हुआ बदलाव
  • राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद चर्चा में आईपीसी 499, 500

Defamation case: 23 मार्च 2023 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मानहानि (rahul gandhi conviction) मामले में दोषी करार दिये गए। सूरत सेशंस कोर्ट ने माना कि आम चुनाव 2019 के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने एक खास समाज को अपमानित करने वाला काम किया था। उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद विपक्षी दल एकजुट हैं। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अब तो मोदी का नाम भी ले नहीं सकते। इन सबके बीच आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि वो आईपीसी की धारा 499 और 500 के खिलाफ संसद में बिल पेश करेंगे। इसके साथ ही यह जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है कि भूतपूर्व पीएम राजीव गांधी क्या सोचते थे।

दरअसल भारत में जब ब्रिटिश शासन था उस वक्त सरकार को किसी तरह का खतरा ना हो, विरोध की आवाज को जगह ना मिले इसके लिए मानहानि शब्द (आईपीसी के सेक्शन 499 और 500) का ईजाद हुआ। ब्रिटिश सरकार की मंशा थी कि जो भारतीय नेता सरकार के खिलाफ जहर उगलेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हालांकि यह कानून देश की आजादी के बाद भी अमल में है। देश की सत्ता से ब्रिटिश टैग तो हट चुका था। लेकिन आजाद भारत की सरकारों को यह महसूस हुआ कि इसे हटाया नहीं जाना चाहिए। समय समय पर इसका इस्तेमाल अलग अलग सरकारों द्वारा किया गया है। अब सवाल यह है कि जब राहुल गांधी को सजा मिली तो कांग्रेस के नेताओं ने इसे डॉरकोनियन क्यों कहा। क्या उन्हें ऐसा कहने का अधिकार है। जानकार बताते हैं कि भूतपूर्व पीएम राजीव गांधी ने तो आईपीसी की धारा 499 और 500 को और व्यापक यूं कहें कि और कठोर बनाने पर बल दिया था। ऐसे में क्या कांग्रेस का विरोध वाजिब है। इस सवाल का जवाब 23 मार्च को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने खुद दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता खुद कहते हैं कि राहुल गांधी के बयानों से पार्टी को नुकसान होता है ऐसे में हम लोग कौन सी अलग बात कहते हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ क्यों खड़ी है। इसे समझने की जरूरत है।

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