Hathras Gangrape case: हाथरस गैंगरेप केस में मुख्य अभियुक्त दोषी करार, तीन बरी

हाथरस गैंगरेप केस में स्थानीय अदालत ने करीब ढाई साल बाद फैसला सुना दिया है। अदालत ने मुख्य अभियुक्त को दोषी माना है जबकि तीन को बरी कर दिया है।

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हाथरस गैंगरेप में तीन आरोपी बरी

Hathras Gangrape case Verdict: हाथरस गैंगरेप केस में स्थानीय अदालत ने मुख्य अभियुक्त को संदीप को दोषी माना है। तीन आरोपियों रवि, रामू और लवकुश को बरी कर दिया है। अदालत ने सेक्शन 304 के साथ साथ एससी-एसटी एक्ट में दोषी करार दिया। बता दें कि इस मामले में यूपी पुलिस पर संवेदनहीनता के आरोप लगे थे। पुलिस पर आरोप था कि उसने पीड़िता का अंतिम संस्कार परिवार की मर्जी के बगैर रातोंरात कर दिया था। बता दें कि 14 सितंबर 2020 को पीड़ित लड़की की मां सुबह करीब साढ़े नौ बजे पीड़िता और उसकी मां हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव के खेतों में काम करने गए थे। परिवार अक्सर इन खेतों में अपने मवेशियों के लिए घास लेने जाता था। पीड़िता की चीख-पुकार सुनकर उसकी मां खोजने के लिए दौड़ी। उसने देखा कि उसकी बेटी खून से लथपथ जमीन पर पड़ी है और उसकी जीभ कटी हुई है। उसने तुरंत पीड़िता के शरीर को ढक दिया और अपने बेटे को बुलाया। बेटा अपनी बाइक पर मौके पर पहुंच गया। इसके बाद वे पीड़िता को नजदीकी पुलिस स्टेशन चंदपा पुलिस स्टेशन ले गए।

2020 की वारदात

करीब एक घंटे बाद पीड़िता को लेकर उसकी मां और भाई थाने पहुंचे। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी की और पीड़िता को ले जाने को भी कहा। पीड़िता के भाई का कहना था कि आरोपियों में से एक संदीप ने उसे जान से मारने की कोशिश की। आरोपी संदीप के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस पीड़िता को जिला अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने उसे यह कहते हुए एएमयू जेएनएमसी अस्पताल रेफर कर दिया कि स्थानीय क्लिनिक में उसके इलाज की सुविधा नहीं है। पीड़िता को तब अलीगढ़ के जेएनएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।जेएनएमसी अस्पताल में पीड़िता का बयान दर्ज किया गया जिसमें उसने छेड़छाड़ का जिक्र किया और मुख्य आरोपी संदीप सहित दो हमलावरों का नाम लिया। इस बयान के आधार पर आईपीसी की धारा 307 और 354 जोड़ी गई और संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया।

पीड़िता ने 3 अन्य आरोपियों के लिए थे नाम

जेएनएमसी अस्पताल में जिला मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का मृत्योपरांत बयान दर्ज किया गया। इस बयान में उसने अन्य तीन आरोपियों लवकुश, रवि और रामू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था. अगले कुछ दिनों में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह पीड़िता का अंतिम उपलब्ध बयान बन गया।इस दिन अस्पताल में की गई मेडिको-लीगल जांच में बल प्रयोग की जानकारी दी गई। हालांकि फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट ना मिल पाने की वजह से पेनीट्रेटिव इंटरकोर्स के बारे में राय सुरक्षित रखी गई थी। 28 सितंबर को डॉक्टरों ने पीड़िता को दिल्ली एम्स के लिए रेफर किया। लेकिन एम्स की जगह सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अगले दिन यानी 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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