लागू हो गए 3 नए आपराधिक कानून: जानें, आम जनता पर कितना होगा असर और किस तरह बदलेगी भारतीय न्याय व्यवस्था?

New Criminal Laws in India: तीन नए आपराधिक कानून न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएंगे और अदालतों में तारीख पर तारीख वाला कल्चर खत्म होकर नागरिकों को जल्द से जल्द न्याय मिलना संभव हो जाएगा। इस कानून में पत्नी के साथ जबरन संबंध रेप नहीं माना जाएगा। इसके अलावा शादी का वादा कर संबंध बनाने को भी रेप की कैटिगरी से बाहर किया गया है।

आज से लागू होंगे तीन नए आपराधिक कानून।

New Criminal Laws in India: भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में एक जुलाई से बहुत बड़ा बदलाव हो गया। एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। इसके तहत पहला मामला भी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज हो गया। इन तीनों कानूनों ने ब्रिटिश कालीन कानूनों की जगह ली। 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, 1989 में बनी सीआरपीसी की जगह भारती नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 में बने इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले लिया। इन तीनों कानूनों के लागू होने के बाद नागरिकों, पुलिस, वकीलों और अदालतों के कामकाज में व्यापक बदलाव आएगा।

गृह मंत्री शाह ने कहा-पीड़ित को न्याय अब जल्द मिलेगा

इन नए कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि इन कानूनों के जरिए पीड़ित के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं। उन्हें न्याय भी अब जल्द मिलेगा। लोगों को अब तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी। ये कानून भारतीय संसद द्वारा बनाए गए हैं और पूरी तरह से स्वदेशी हैं। इनसे भारतीय न्याय व्यवस्था में व्यापक बदलाव आएगा।
गृह मंत्रालय के अनुसार, नए कानूनों में कुछ धाराओं में बदलाव किया गया तो कुछ नई जोड़ी गई हैं, कुछ को खत्म भी किया गया है। आइए जानते हैं तीन नए आपराधिक कानूनों का देश के आम नागरिकों पर कितना असर पड़ेगा और न्याय व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव आएगा?
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