पीएम मोदी ने कहा, चीन के साथ शांतिपूर्ण संबंध पूरी दुनिया के लिए अहम, लेकिन जल्द सुलझाना होगा सीमा विवाद

India-China Border Dispute: जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर भारत और चीन के बीच लगभग चार साल से विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष कई दौर की राजनयिक और उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में लगे हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM Modi on China: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। न्यूजवीक के साथ एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को जल्द सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा, भारत के लिए चीन के साथ संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। मेरा मानना है कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को तुरंत सुलझाने की आवश्यकता है ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके।

शांतिपूर्ण संबंध पूरी दुनिया के लिए अहम

पीएम मोदी ने कहा, भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हमारे दोनों देशों बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद और विश्वास है कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे।

2020 में गलवान घाटी में झड़पजून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर भारत और चीन के बीच लगभग चार साल से विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष कई दौर की राजनयिक और उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में लगे हुए हैं। लेकिन इसमें अभी तक अधिक सफलता नहीं मिली है। हालांकि, दोनों पक्ष सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के बीच न सिर्फ सैन्य स्तर पर बल्कि राजनयिक स्तर पर भी बातचीत हुई है, लेकिन विवाद नहीं सुलझ सका है।

फरवरी में हुई 21वें दौर की बातचीत

इसी साल फरवरी में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में साढ़े तीन साल से अधिक पुराने सीमा विवाद को हल करने के लिए नए दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता की थी। इसमें दोनों पक्ष सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए लेकिन गतिरोध के समाधान का कोई संकेत नहीं दिखा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 21वें दौर की वार्ता 19 फरवरी को चुशूल-मोल्डो सीमा पर आयोजित की गई थी।

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