Amazing Indians Awards 2023: 'हिंदुस्तान अकेला नहीं चलता, यहां सब साथ चलते हैं', टाइम्स नाउ के मंच पर बोलीं स्मृति ईरानी

Times Now Amazing Indians Awards 2023: टाइम्स नाउ अमेजिंग इंडियंस अवॉर्ड में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नए भारत और भारत की एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं टाइम्स नाउ टीम को सैल्यूट करती हूं, इस जूरी के लिए जो इस बात का संकेत देती है कि इंडिया कितना अमेजिंग हो सकता है।

Smriti Irani

स्मृति ईरानी बोलीं- भारत अकेला नहीं, सबके साथ चलता है।

Amazing Indians Awards 2023: टाइम्स नाउ के मंच पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज इस मंच पर मैं खड़ी होकर गौरवांवित महसूस कर रही हूं। उन्होंने मंजूनाथ निंगप्पा पुजारी की सराहना की। अमेजिंग इंडियंस अवॉर्ड के तहत उन आम लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी इच्छा शक्ति से विपरीत परिस्थितियों में लोगों को नई दिशा दी है।

स्मृति ईरानी बोलीं, 'भारत अकेला नहीं, सबके साथ चलता है'

स्मृति ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि 'प्रसून जी ने अपने शायराना अंदाज में कहा कि नए पथ, नए मुकाम तलाशे जा रहे हैं। मुझे लगता है आज इसरो का जिस प्रकार से सम्मान हुआ वो इस बात का संकेत हैं कि संकल्प भी है, मंजिल भी हम ढूंढ चुके हैं, पथ भी प्रदर्शित हो चुका है, फर्क ये है कि हिंदुस्तान इन पथों पर अकेला नहीं चलता, सब साथ चलते हैं।' स्मृति ईरानी ने इस मौके पर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे की भी उनके कार्यों के लिए सराहना की।

टाइम्स नाउ की टीम को स्मृति ईरानी ने किया सैल्यूट

उन्होंने कहा कि 'मैं टाइम्स नाउ टीम को सैल्यूट करती हूं, इस जूरी के लिए जो इस बात का संकेत देती है कि इंडिया कितना अमेजिंग हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी ओर से टाइम्स नाउ की सराहना करती हूं कि उनके पास ज्यूरी में रंगराजन जी और आनंद कुमार शामिल हैं। द मैन ऑफ राकेट और साइंस दोनों जूरी में एकसाथ हैं। आज इस मंच पर मैं खड़ी होकर गौरवांवित महसूस कर रही हूं।'

मंजूनाथ के जज्बे को केंद्रीय मंत्री ने खूब सराहा

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईराने ने आगे कहा कि 'मंजूनाथ जी जो शांति से किनारे बैठे हैं। जब मैंने उनसे पूछा कि वो कैसे फंड इकट्ठा करते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह 6 बजे से 9 बजे तक ऑटो चलाता हूं, जिससे मैं अपने समाज के लिए जो करना चाहता हूं वो कर सकूं, फिर शाम 6 बजे तक नौकरी करता हूं ताकि घर चला सकूं। फिर शाम 6 से काम करता हूं ताकि जनसेवा का काम जो मैं करना चाहता हूं वो कर सकूं। ये व्यक्ति सातों दिन, चौबीसो घंटे अपने लिए काम नहीं करते, बल्कि उनके लिए मेहनत करते हैं जो उनके आसपास के लोग हैं। ये नए भारत की पहचान है। मैं टाइम्स नाउ का आभार जताना चाहती हूं, जिसने उन भारतीय को आगे लाया जो सभी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं और लोगों की मदद करते हैं। जो लोग कहते हैं कि हम भारतीय बोली, विचार और राजनीति में विभाजित हैं। मैं कहना चाहती हूं कि जब हमारे राष्ट्र की बात आती है तो हम एक हैं, जब किसी की मदद करनी हो तो हम एक हैं। यहीं हमे अमेजिंग इंडियंस बनाती है।'

सेना में भर्ती होने चाहते थे मंजूनाथ निंगप्पा पुजारी

मंजूनाथ निंगप्पा पुजारी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे, उनकी इच्छा जरूर पूरी हुई लेकिन दूसरे रूप में। मंजूनाथ ऑटो चलाते हैं लेकिन लेकिन उनका यह ऑटो सैकड़ों लोगों का जीवन बचा चुका है। सेना में जाने का सपना रखने वाले मंजूनाथ को शायद यह पता नहीं होगा कि वह लोगों की सेवा करते हुए देश की सेवा ही करेंगे। एक दुर्घटना की वजह से वह सेना में भर्ती तो नहीं हो सके लेकिन उन्हें मानवता की सेवा करने का मौका मिल गया। साल 2015 में उनकी पड़ोसी गर्भवती महिला को एंबुलेस की जरूरत पड़ी और उसकी यह जरूरत ने मंजूनाथ की जिंदगी बदल दी।

टाइम्स नाउ के अमेजिंग इंडियंस अवॉर्ड में इस बार कृषि, पशु कल्याण, शिक्षा, पर्यावरण और जलवायु, खाद्य प्रबंधन और पोषण, बालिका और महिला अधिकार सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, चिकित्सा और क्लीनिकल असिस्टेंट, ग्रामीण विकास, स्वच्छता और जल, मलिन बस्ती देखभाल, शेल्टर मैनेजमेंट और बेहतरी के लिए तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाली हस्तियों की सफलता का जश्न मनाया गया।

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