Bhawana Kishore: देश की बेटी 'टाइम्स नाउ नवभारत' की रिपोर्टर भावना किशोर आ गई, नम आँखों के साथ हुआ स्वागत, Video
Times Now Navbharat की रिपोर्टर Bhawana Kishore आ गई है वहीं देश की बेटी भावना का स्वागत नम आखों के साथ किया गया।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को 'टाइम्स नाउ नवभारत' की रिपोर्टर भावना किशोर, कैमरामैन मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमिंदर सिंह को अंतरिम जमानत दे दी। अपने फैसले में अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मृत्युंजय और परमिंदर की गिरफ्तारी अवैध थी और इस मामले में गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी और रिमांडिंग मजिस्ट्रेट द्वारा कानून के प्रावधानों को ध्यान में नहीं रखा गया।
कोर्ट ने दोनों को पूर्ण जमानत के लिए निचली अदालत में जाने की छूट भी दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने भावना किशोर की अंतरिम जमानत की अवधि को भी अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया है, हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 22 मई 2023 को होगी।
देश की बेटी Bhawana Kishore के माता-पिता ने सुनिए क्या कुछ कहा ?
देश की बेटी Bhawana Kishore को Punjab-Haryana High Court से अंतरिम बेल मिल गई है। वहीं सुनिए भावना किशोर के माता-पिता ने क्या कुछ कहा ?
केजरीवाल के आधिकारिक आवास में किए गए बेहिसाब और अनुचित तरीके से किए गए खर्च का खुलासा
यह फैसला चैनल और उन तीनों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्हें 'ऑपरेशन शीश महल' (Operation Sheeshmahal) के बाद सताया और प्रताड़ित किया जा रहा था। ऑपरेशन शीशमहल में 'टाइम्स नाउ नवभारत' ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास में किए गए बेहिसाब और अनुचित तरीके से किए गए खर्च का खुलासा किया था।
समझ लें क्या है ये पूरा केस
Times Now Navbharat की रिपोर्ट भावना किशोर को 5 मई को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब भावना अरविंद केजरीवाल के एक कार्यक्रम को कवर करने के लिए लुधियाना गईं थीं। पहले तो वहां उन्हें कार्यक्रम कवर करने नहीं दिया गया, इसके बाद जब अपनी टीम के साथ वो वापस लौटने लगीं तो उन्हें पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पंजाब पुलिस ने दावा किया कि उनकी गाड़ी ने एक ई-रिक्शा को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद उसमें सवार महिला से बहस हुई और भावना किशोर ने एससी-एसटी एक्ट के तहत आने वाले दुर्व्यहार किए।
'जब पुलिस आती है तो वो कई नियमों का उल्लंघन करती है'
पुलिस एक महिला रिपोर्टर को, बिना महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति के अवैध रूप से हिरासत में लेती है। जो पुलिसकर्मी भावना को हिरासत में लेता है, उसकी वर्दी पर नेमप्लेट तक नहीं होता है। जो ड्यूटी पर जरूरी चीजों में बेहद अहम है। हिरासत के तुरंत बाद परिवार के सदस्यों को सूचित करना होता है, लेकिन इसका भी उल्लघंन होता है। भावना के परिवार को रात 10:41 बजे सूचित किया जाता है। सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद भावना को न केवल रात 8:55 बजे गिरफ्तार किया गया था, बल्कि उसे रात भर और शनिवार को दोपहर तक पुलिस स्टेशन में भी रखा जाता है।
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