Times Now Summit 2022 : टाइम्स नाउ समिट में आरिफ मोहम्मद खान बोले-विवि चलाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं

Times Now Summit 2022 : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि केरल के विश्वविद्यालयों में राजनीतिक दखल से कई नियुक्तियां हुई हैं। सीपीएम के लोग विश्वविद्यालयों में नियुक्त हुए हैं। अवैध तरीके से अपात्र लोगों की ये नियुक्तियां कोर्ट में लंबित हैं।

टाइम्स नाउ समिट 2022 में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान।

Times Now Summit 2022 : विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रहनी चाहिए और इसमें किसी तरह का राजनीतिक दखल नहीं होना चाहिए। केरल के विश्वविद्यालयों में कई नियुक्तियां राजनीतिक दखल से हुई हैं। ये बातें टाइम्स नाउ समिट 2022 के दूसरे दिन केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहीं। टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ एंड एडिटोरियल डाइरेक्टर राहुल शिवशंकर के साथ बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को चलाने की जिम्मेदारी कार्यपालिका की नहीं बल्कि वाइस चांसलर की होती है।

हमारी कोशिश है कि विवि की स्वायत्तता बनी रहे-खान

बता दें कि केरल के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल आमने-सामने है। हाल के दिनों में दोनों में अधिकारों को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली है। राज्यपाल खान ने कहा कि केरल के विश्वविद्यालयों में राजनीतिक दखल से कई नियुक्तियां हुई हैं। सीपीएम के लोग विश्वविद्यालयों में नियुक्त हुए हैं। अवैध तरीके से अपात्र लोगों की ये नियुक्तियां कोर्ट में लंबित हैं। उनकी कोशिश है कि विवि की स्वायत्तता बनी रहे। उन्होंने कहा, 'विश्वविद्यालयों के कामकाज एवं नियुक्तियों में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए। इस बात को कार्यपालिका को समझना चाहिए।

'केरल के विवि में हुई हैं राजनीतिक नियुक्तियां'

राज्यपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में कह चुका है कि वीसी की नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका नहीं होनी चाहिए। खान ने आगे कहा, 'मैं निजी लड़ाई लड़ने नहीं आया हूं या बदले की मेरी कोई भावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे एक मौका दिया है। मैं राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारना चाहता हूं। यहां विवि में नियुक्तियों के लिए नेताओं के फोन वीसी के पास आते हैं। यह रुकना चाहिए।'राज्यपाल ने आगे कहा कि केरल की शिक्षण परंपरा महान रही है। इसका एक शानदार गौरवशाली परंपरा रही है लेकिन गत दशकों में शिक्षण व्यवस्था में राजनीतिक दखल बढ़ा है। देखने में आया है कि केरल के मेघावी छात्र 12वीं के बाद राज्य को छोड़कर कहीं और दाखिला ले रहे हैं। कोर्ट में नियुक्तियों के कई मामले लंबित हैं।

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