Times Now Summit 2024: जनरल मनोज पांडे बोले - चीन बॉर्डर पर सीमा पार की हरकतों पर हमारी कड़ी नजर

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने Times Now Summit 2024 से पहले दिन इंडिया अनस्टॉपेबल में अपने विचार रखे। उन्होंने यहां बताया कि आखिर क्यों देश की जनता के बीच सेना का सम्मान इतना ज्यादा है। इसके अलावा उन्होंने चीन सीमा, मणिपुर और आतंकवाद के मुद्दे पर भी बात की।

General Manoj Pande

जनरल मनोज पांडे

Times Now Summit 2024: इंडिया अनस्टॉपेबल मुद्दे पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अपने विचार रखे। उन्होंने टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से बातचीत में उन्होंने सेना को मिलने वाले सम्मान से लेकर सेना में महिलाओं की स्थिति और चीन बॉर्डर व मणिपुर के हालात तक पर तमाम प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि उत्तरी सीमा पर बॉर्डर के पार की हर हरकत पर हमारी कड़ी नजर है।
जब उनसे आम जनता की तरफ से सेना को मिलने वाले सम्मान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे सैनिकों का सेल्फलेस कमिटमेंट ही हमारे लिए सम्मान पैदा करता है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों की क्षमताओं और ट्रेनिंग पर लोग भरोसा करते हैं। भारतीय सेना के इन्हीं कार्यों की वजह से यह लोगों के दिल और दिमाग में जगह बनाती है। उन्होंने सेना को भारत के प्राइड का कॉन्ट्रीब्यूटर और स्टेकहोल्डर बताया।
उन्होंने बताया कि सेना अपने कोर वैल्यूज का बड़ा सम्मान करती है, जो हैं - नाम, नमक और निसान। उन्होंने कहा, मिलिट्री की स्ट्रैग्थ है जो देश के सुरक्षा चैलेंजेस को संभालती है। उन्होंने कहा, सेना की सिक्योरिटी के बिना भारत की ग्रोथ स्टोरी नहीं कही जा सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना सैक्युलरिज्म की न सिर्फ रक्षा करती है, बल्कि सेना के अंदर हर धर्म, जाति और भाषा के लोग एक साथ काम करते हैं।

लड़ाई अब अलग स्तर पर होती है

जनरल मनोज पांडे ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुनियाभर में चल रही जंगों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। यह लड़ाइयां हमें सिखाती हैं कि हमें स्ट्रैटजी से स्तर पर आत्मनिर्भर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह लड़ाइयां हमें बताती हैं कि जहां नेशनल इंटरेस्ट हो देश को युद्ध में जाना चाहिए। उन्होंने आर्मी की जरूरत पर बल दिया और कहा कि अब लड़ाई पारंपरिक तरीकों से नहीं होती। अब टेक्नोलॉजी की मदद से जंग लड़ी जाती है और नरेटिव की जंग होती है।

आत्मनिर्भरता का मतलब सुरक्षा से समझौता नहीं

एक अन्य प्रश्न के जवाब में जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हमारी जरूरतों के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब सुरक्षा से समझौता नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री चैलेंज के लिए तैयार है और यहां जमकर इंवेस्टमेंट बी हो रहा है। उन्होंने बताया कि देश में डिफेंस सेक्टर की 340 इंडस्ट्री हैं। 174 एम्युनेशन कैटेगरी हैं, जिनमें से 130 भारत में बनाए जा रहे हैं।

चीन के लिए तैयार

जनरल मनोज पांडे का कहना है कि हम चीन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमा पर हमारी तैयारियां उच्च कोटि की हैं। हम सुनिश्चित करते हैं हि हमारे पास पर्याप्त हथियार हों। मिलिट्री के लेवल पर हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही बातचीत का रास्ता भी खुला है। एक तरफ मिलिट्री लेवल पर बातचीत लगातार हो रही है, तो दूसरी तरफ राजनीतिक रास्ते से भी बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन के बीच मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा हम उत्तरी सीमा पर अपनी क्षमताएं भी लगातार बढ़ा रहे हैं। यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेजी से हो रहा है और सीमा पार की हर हरकत पर भी हमारी नजर है। चीन से थ्रेट परसेप्शन पर उन्होंने कहा कि यह समय और मौसम के हिसाब से बदलता रहता है।

मणिपुर के हालात पर भी बात

जनरल मनोज पांडे ने बताया कि मणिपुर हिंसा के दौरान बहुत से हथियार उपद्रवियों ने चुरा लिए थे। उनमें से बहुत कम की ही वापसी हो पायी है। अब भी बड़ी संख्या में हथियार उनके पास हैं। इंडो-म्यांमार बॉर्डर से भी हथियार आ जाते हैं, जो सेना के लिए एक चैलेंज है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में बड़ी संख्या में रिटायर्ड सैन्यकर्मी हैं, उनसे मदद ली जा रही है, साथ ही हमारे सैनिक भी शांति व्यवस्था में जुटे हैं।

सेना में महिलाएं

जनरल मनोज पांडे ने बताया कि महिलाएं सेना में बड़े-बड़े ओहदों पर पहुंच रही हैं। आज वह कर्नल के पद पर तैनात हैं और कमांडिंग ऑफिसर हैं। उनको कॉम्बेट रोल और चैलेंजिंग पोजिशन दी जा रही हैं। महिलाएं आज शियाचिन जैसी जगहों पर भी तैनात हैं और संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में भी शामिल हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की खतरे पर भी बात की। उन्होंने कहा, हम तैयार हैं। हमारी इंटेलिजेंस लगातार काम कर रही है और हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हरदम तैयार रहते हैं।
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