Balasore Train Accident: शुभेंदु अधिकारी का गंभीर आरोप-बालासोर ट्रेन हादसे के पीछे बताया TMC की साजिश

Train Accident Balasore: ओडिशा में बालासोर ट्रेन हादसे पर सियासत गरमा गई है। सीबीआई जांच की सिफारिश पर जब टीएमसी ने जब गैरजरूरी बताया तो नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी के नेताओं को ऐतराज क्यों है।

Suvendu Adhikari, Balasore Train Accident

शुभेंदु अधिकारी, नेता प्रतिपक्ष, पश्चिम बंगाल

Train Accident Balasore: बालासोर ट्रेन हादसे में आधिकारिक तौर पर 275 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि है। रेल मंत्रालय की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। करीब 51 घंटे बाद सोमवार को बाधित ट्रैक पर रेल सेवा बहाल होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि इस हादसे पर सियासत भी गर्माई हुई है। विपक्षी दलों ने अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बालासोर का दौरा करने वाली हैं। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी द्वारा तंज कसे जाने के बाद बीजेपी के कद्दावर नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि कि हादसे के पीछे टीएमसी का हाथ है।

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सीबीआई जांच से डर क्यों

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि दूसरे राज्य में हादसे से टीएमसी के नेता इतना क्यों डरे हुए हैं। आखिर उन्हें सीबीआई जांच से डर क्यों है। टीएमसी के लोग पुलिस की मदद से रेलवे के कर्मचारियों के फोन टैप किए। आखिरकार इन लोगों को रेलवे कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत की जानकारी कैसे हुई। यह सब सीबीआई जांच के दायरे में आना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

शवों की होगी डीएनए जांच

ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने लेना शुरू किया।बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था।राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया।एक अधिकारी ने बताया, “डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे। हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं।’’

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ललित राय author

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