विदेश मंत्री एस जयशंकर को भूलने की बीमारी है, TMC MP जवाहर सरकार ने ऐसा क्यों कहा

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि उनके पिता को इंदिरा गांधी ने हटा दिया था। इसके साथ ही कांग्रेस की नीतियों की भी आलोचना की थी। अब उनके इस बयान पर पूर्व नौकरशाह और टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने करारा हमला किया था।

dr s jaishankar

डॉ एस जयशंकर पर टीएमसी एमपी जवाहर सरकार ने साधा निशाना

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के बारे में कहा जाता है कि वो किसी भी मुद्दे पर तथ्यों के साथ अपने तर्क को पेश करते हैं। चीन का मुद्दा हो, पाकिस्तान का मुद्दा हो या दूसरे मुद्दे वो प्रखर तौर पर बोलते हैं। हाल ही में एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुताबिक चीन से लगी सीमा की सुरक्षा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार गंभीर नहीं है। इस सवाल के जवाब में कहा कि तो कांग्रेस ही बताए कि सीमा पर फौज की तैनाती कौन कर रहा है। इसके साथ ही यह भी बताया कि किस तरह से इंदिरा गांधी ने उनके पिता को हटाया था। इस बयान पर टीएमसी के सांसद और पूर्व नौकरशाह ने निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को भूलने की बीमारी है। ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने जब उन्हें नौकरशाह से मंत्री बनाया तो वो खुश करने में जुटे हुए हैं।

जवाहर सरकार ने क्या कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने कहा कि उनके पिता डॉ के सुब्रह्मण्यम को 1980 में सत्ता में लौटने के बाद इंदिरा गांधी द्वारा सचिव, रक्षा उत्पादन के पद से हटा दिया गया था और उनके पिता को राजीव गांधी काल के दौरान किसी जूनियर के साथ हटा दिया गया था।उस संदर्भ में, जवाहर सरकार ने गुजरात दंगों पर जयशंकर के पिता को उद्धृत किया। के सुब्रमण्यम ने कहा था कि गुजरात (2002 के दंगों) में धर्म की हत्या कर दी गई थी। जो लोग निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे हैं वे अधर्म के दोषी हैं। राम, गुजरात के 'असुर' शासकों के खिलाफ अपने धनुष का इस्तेमाल करते। बेटे पर शर्म आती है - - असुर की सेवा!

ऐसी बात क्यों कर रहे हैं डॉ एस जयशंकर

जवाहर सरकार ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान में उन्होंने एक से बढ़कर एक पद पर काम किया। बेहतरीन पोस्टिंग मिली। लेकिन अब वो अजीब तरह की बात कर रहे हैं। एएनआई से बातचीत में डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने बीजेपी इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि वही एक ऐसी पार्टी है जो भारत के उत्थान और प्रगति के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा था कि विरोध की राजनीति करने में हर्जा नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि आप के इस तरह के विरोध से किसका फायदा हो रहा है। कांग्रेस पार्टी बुनियादी तौर पर सवाल उठाए। हालांकि असल मुद्दा तो यह है कि अपने शासन काल में जितनी गल्तियां उनकी तरफ से की गई थी क्या वो उसकी बात करते हैं। कांग्रेस का यही दोहरा चरित्र लोगों को रास नहीं आता है।

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ललित राय author

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