ममता के भतीजे से राहुल की भेंट! TMC ने किया स्वागत, BJP ने पूछा- बैठक के बारे में इतनी गोपनीयता क्यों?
दरअसल, टीएमसी और कांग्रेस का 2001 और 2011 के विधानसभा चुनावों तथा 2009 के लोकसभा चुनावों में तालमेल था। कांग्रेस का वर्तमान में बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन में है।
अभिषेक-राहुल की कथित बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आश्चर्य जताया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (टीएमसी नेता) से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भेंट हुई है। एक प्रमुख बंगाली दैनिक ने इस बैठक की खबर दी, जिसके बाद गुरुवार (31 अगस्त, 2023) को टीएमसी ने इस ‘मुलाकात’ को ‘‘भाजपा के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने’’ की दिशा में स्वागत योग्य कदम करार दिया।
सूबे के शिक्षा मंत्री और टीएमसी नेता ब्रत्य बसु ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘‘हम देश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच ऐसी बैठकों का स्वागत करते हैं। भाजपा के खिलाफ लड़ाई में हम ऐसी बैठकों का स्वागत करते हैं। स्वाभाविक रूप से, विपक्षी खेमे के महत्वपूर्ण नेता मिलेंगे और भाजपा को हराने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। ऐसी और बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए।’’
आगे सुर में सुर मिलाते हुए टीएमसी सांसद शांतनु सेन बोले, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में भाजपा के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए। कांग्रेस की प्रदेश इकाई भाजपा से मुकाबला करने के बजाय हमारे खिलाफ लड़ने में अधिक रुचि रखती है। लेकिन हमें नहीं लगता कि कांग्रेस नेतृत्व उन विचारों से सहमत है। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा के खिलाफ लड़ना सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए। हम इस बैठक का स्वागत करते हैं।’’
हालांकि, टीएमसी नेतृत्व ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया कि क्या यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य में टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन के पहले की बैठक है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।’’ आगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आश्चर्य जताया कि क्या टीएमसी भाजपा के खिलाफ मुकाबले की अपनी क्षमता पर बार-बार सवाल उठने के बाद कांग्रेस के करीब आने की कोशिश कर रही है।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि यह टीएमसी की ओर से देश के मूड को भांपते हुए सबसे पुरानी पार्टी के करीब आने का एक प्रयास है। हालांकि, बुधवार सुबह बनर्जी के नई दिल्ली में गांधी से उनके आवास पर इस मीटिंग पर टीएमसी ने अभी तक (खबर लिखे जाने तक) इस बात को स्वीकार करते हुए कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है कि ऐसी कोई बैठक हुई।
इस बीच, अभिषेक-राहुल की कथित बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आश्चर्य जताया। साथ ही सवाल उठाया कि एक राजनीतिक बैठक के बारे में इतनी गोपनीयता क्यों है? उन्होंने पूछा, ‘‘कांग्रेस को स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिए कि वे टीएमसी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का समर्थन करते हैं या नहीं। इतनी गोपनीयता क्यों है? वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?’’
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