टमाटर की कीमत कैसे होगी कम? सरकार ने सदन में बताया फॉर्मूला
Tomato Price Update: सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में टमाटर की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद जताई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से अधिक आपूर्ति के बाद टमाटर की कीमतों में गिरावट की उम्मीद है।
सरकार ने टमाटर की कीमतों में गिरावट की उम्मीद जताई।
Tomato Prices Expected To Decline: टमाटर की बढ़ती कीमत से हर कोई परेशान है। इस बीच सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि जल्द टमाटर के दाम कर हो सकते हैं। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से नई फसल की अधिक आपूर्ति के साथ टमाटर की खुदरा कीमतों में गिरावट की उम्मीद है। मानसून की बारिश और अन्य कारणों से आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के कारण देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
टमाटर की कीमतों में कैसे और कब आएगी गिरावट?
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, 'महाराष्ट्र में नासिक, नारायणगांव और औरंगाबाद क्षेत्र तथा मध्य प्रदेश से भी नई फसल की आवक बढ़ने से टमाटर की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।' उन्होंने कहा, 'टमाटर की कीमतों में मौजूदा वृद्धि किसानों को अधिक टमाटर की फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे आने वाले महीनों में कीमतें स्थिर होने की उम्मीद है।'
बढ़ती कीमतों के लिए मंत्री ने मौसम को ठहराया जिम्मेदार
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कीमतों में हालिया वृद्धि के लिए फसल की मौसमी स्थिति, कोलार (कर्नाटक) में सफेद मक्खी की बीमारी, देश के उत्तरी हिस्से में मानसून की बारिश का तत्काल आगमन, जिसने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में टमाटर की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला और भारी बारिश के कारण अलग-अलग इलाकों में ‘लॉजिस्टिक्स’ व्यवधान जैसे कारकों के संयोजन को जिम्मेदार ठहराया।
सरकार ने सदन में पेश किए ये आंकड़े
अश्विनी चौबे ने बताया कि 10-16 जुलाई के सप्ताह के दौरान दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टमाटर की औसत दैनिक खुदरा कीमत 150 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई थी। दिल्ली में 18 जुलाई को औसत खुदरा मूल्य घटकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम और पंजाब में 127.70 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। टमाटर की कीमतों पर लगाम लगाने और उन्हें किफायती बनाने के लिए सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत उनकी खरीद शुरू कर दी है और उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) लगातार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की 'मंडियों' से टमाटर खरीद रहे हैं और उन्हें दिल्ली-एनसीआर, बिहार, राजस्थान आदि के प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं।
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