पिछले साढ़े तीन साल में 5,61,272 भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, इस वजह से लिया फैसला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि सरकार को इस घटनाक्रम की जानकारी है और उसने मेक इन इंडिया पर केंद्रित कई पहल शुरू की है।
Indian Citizenship: सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में 5,61,272 भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। लोकसभा में कार्ति पी चिदंबरम के प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी दी। कार्ति चिदंबरम ने पूछा था कि पिछले तीन वर्ष और इस वर्ष के दौरान अब तक कितने भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है।
विदेश मंत्री ने पेश किए आंकड़े
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 85,256 भारतीय नागरिकों, वर्ष 2021 में 1,63,370 भारतीय नागरिकों, वर्ष 2022 में 2,25,620 भारतीय नागरिकों और वर्ष 2023 में जून तक 87,026 नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। विदेश मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 1,22,819 (2011 में); 1,20,923 (2012 में); 1,31,405 (2013 में); 1,29,328 (2014 में); 1,31,489 (2015 में); 1,41,603 (2016 में); 1,33,049 (2017 में); 1,34,561 (2018 में) और 1,44,017 (2019 में) भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।
जयशंकर ने बताया कि पिछले दो दशक में वैश्विक कार्यस्थलों पर काम करने के लिए जाने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या काफी अधिक हो गई है और इनमें से कई ने व्यक्तिगत सुविधा के कारणों से विदेशी नागरिकता लेने का विकल्प चुना है। उन्होंने बताया कि सरकार को इस घटनाक्रम की जानकारी है और उसने मेक इन इंडिया पर केंद्रित कई पहल शुरू की हैं जो घरेलू स्तर पर देश की प्रतिभाओं का उपयोग कर सकेंगी।
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