'आधार कार्ड' के जरिए परिवार से मिली लड़की, पांच साल से थी लापता

फर्ज करिए कि आपका अपना कोई प्यारा शख्स बिछड़ जाए तो दिल पर क्या बीतेगी। आदिवासी समाज की एक लड़की पांच साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी। लेकिन आधार कार्ड की मदद से अब वो अपने परिवार से मिल चुकी है।

आधार के जरिए परिवार से मिली लापता लड़की

मुख्य बातें
  • पांच साल पहले लड़की हुई थी गायब
  • आधार कार्ड के जरिए परिवार से मिली
  • डेटाबेस के जरिए हुई पहचान

तकनीक को कभी कभी बेवजह कोसते रहते हैं। लेकिन तकनीक काम की चीज है। अगर ऐसा ना होता तो एक लड़की जो पांच साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी वो अपने लोगों से कभी मिल नहीं पाती। झारखंड की रहने वाली राशि अब अपने परिवार के साथ है। राशि नाम उस लड़की को पुलिस वालों ने दिया था। जब वो लड़की अपने नाम को नहीं बता सकी तो पुलिस वालों ने राशि नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया।

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पांच साल पहले हुई थी लापता

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पांच साल पहले लापता हुई 23 साल की आदिवासी लड़की आधार कार्ड डेटाबेस की मदद से झारखंड में अपने परिवार से मिल गई है।झारखंड के एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी रश्मणि को 2017 में एक एजेंट ने दिल्ली में नौकरी देने का वादा किया था। चूंकि उसका परिवार जबरदस्त आर्थिक दबाव में था, वे सहमत हो गए।हालांकि, एजेंट के साथ ट्रेन में चढ़ने के बाद रश्मणि को शक हुआ और वह फतेहपुर स्टेशन पर फरार हो गई। उसे रेलवे पुलिस ने बचाया और एक आश्रय गृह में रखा गया जहां उसका नाम राशी रखा गया।

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