चालबाज कोरोना वायरस से डरी दुनिया लेकिन भारत की तस्वीर होगी अलग, जानें-विशेषज्ञों की राय

BF.7 Variant: क्या बीएफ.7 वैरिएंट भारत के लिए खतरनाक साबित होने वाला है। इस संबंध में एम्स दिल्ली के सीनियर एपिडोमोलॉजिस्ट ने बड़ी बात कही है।

BF.7 Variant Risk:तीन साल पहले महीना यही था जब कोरोना वायरस चीन(Corona Cases in India) की सीमा से निकल कर कोहराम मचाने लगा था। पिछले तीन साल में कोरोना वायरस ने अपने रूप और रंग में बदलावा लाया और इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया। 2021 में अप्रैल से लेकर मई तक के कालखंड को भूल पाना संभव नहीं होगा। इन सबके बीच कोरोना अपना रूप और रंग बदल कर बीएफ.7(BF.7 Variant) के रूप में तबाही मचा रहा है। चीन में इस वैरिएंट की वजह हालात खराब हैं और भारत में भी पांच मरीजों को मिलने के बाद चिंता बढ़ गई है। पीएम मोदी जहां इस विषय पर समीझा बैठक करने वाले हैं तो चार राज्य सरकारें भी समीक्षा बैठक करने जा रही हैं। लेकिन क्या बीएफ.7 भारत के लिए खतरनाक साबित होने वाला है। क्या चीन में कोरोना के इस वैरिएंट ने जितनी तबाही मचाई है कुछ उसी तरह का मंजर देखने के लिए हम सबको तैयार रहना चाहिए। इस संबंध में दिल्ली एम्स के सीनियर एपिडोमोलॉजिस्ट डॉ संजय राय(Dr Sanjay Rai Aiims Delhi) ने बड़ी बात कही है।

एम्स की राय

डॉ संजय राय का कहना है कि भारत में हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि जो लोग कोविड से रिकवर हो चुके हैं वो पूरी तरह सुरक्षित हैं। कोरोना के सभी वैरिएंट पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। लेकिन इस बात की संभावना बेहद कम है कि मौजूदा हालात में हम लोग गंभीर हालात का सामना करेंगे।

घबराने की जरूरत नहीं

BF.7 नया वैरिएंट नहीं बल्कि ओमीक्रान वैरिएंट बीए.5 का उपस्वरूप है। भारत में SARS-CoV-2 के कुल 10 वैरिएंट हैं जिसमें बीएफ.7 भी शामिल है। देश में तबाही मचा चुका डेल्टा वायरस अभी भी मौजूद है। ऐसा माना जा रहा है कि बीएफ.7 की संक्रामक दर सबसे अधिक है और एक संक्रमित शख्स से यह 10 से 18 लोगों में फैल सकता है। अगर बीएफ.7 और ओमिक्रान के औसस संक्रमण को देखें तो यह दर 10 से 18.6 और 5.08 है।

भारत के लिए राहत की बात यह है कि जुलाई में जब पहली बार बीएफ.7 के बारे में जानकारी सामने आई तब से लेकर आज तक डेली या वीकली पॉजिटिव रेट में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई। भारत में इस वैरिएंट के जो चार मामले सामने आए हैं उनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है और ना ही उन्हें होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी। उच्च स्तर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय देश को घबराने से अधिरक सतर्क रहने की जरूरत है। तीन डोज प्रोटेक्शन और हर्ड इम्यूनिटी की वजह से किसी नई लहर की संभावना कम है।

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ललित राय author

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