त्रिपुरा चुनाव के 5 चेहरे, जिनकी हार-जीत से तय होगा कौन बनाएगा सरकार
Tripura Assembly Election 2023: इन चुनावों में सबसे ज्यादा साख मुख्यमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार माणिक साहा की दांव पर है। वह नगर बोरदोवली से चुनाव लड़ रहे हैं। माणिक साहा ने पिछले साल बिप्लब कुमार देब की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
त्रिपुरा में वोटिंग
Tripura Assembly Election 2023: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में वोटिंग खत्म हो गई है। और अब 259 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 2 मार्च को होगा। लेकिन इन चुनावों में 5 ऐसे चेहरे हैं जिनकी हार-जीत राज्य की अगली सरकार का भविष्य तय करेगी। 60 सीटों वाली विधानसभा में साल 2018 में भाजपा और उसके गठबंधन को बहुमत मिला था। और 25 वर्षों से चली आ रही वाम दलों की सत्ता चली गई थी। इस बार भाजपा के सामने लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की चुनौती है। जबकि पहली बार राज्य में हाथ मिलाकर लड़ रहे कांग्रेस और वाम दलों के सामने सत्ता में वापसी करने की चुनौती है। ऐसे में आइए जानते हैं वो चेहरे, जिनकी हार-जीत नई सरकार की दिशा तय करेगी।संबंधित खबरें
माणिक साहा
इन चुनावों में सबसे ज्यादा साख मुख्यमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार माणिक साहा की दांव पर है। वह नगर बोरदोवली से चुनाव लड़ रहे हैं। माणिक साहा ने पिछले साल बिप्लब कुमार देब की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था। ऐसे में उनके सामने न केवल भाजपा को दोबारा सत्ता में वापसी करने की चुनौती है। बल्कि पार्टी के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने की भी चुनौती है।संबंधित खबरें
जिष्णु देव वर्मासंबंधित खबरें
राज्य के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जिष्णु देब वर्मा पर भी सबकी नजर है। वह त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य हैं और चारिलम निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में हैं। जिष्णु देब वर्मा 15.58 करोड़ की चल-अचल संपत्ति के साथ सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। वहीं बल्कि तिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रिंस प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के चाचा भी हैं।संबंधित खबरें
जितेंद्र चौधरीसंबंधित खबरें
माकपा के राज्य महासचिव जितेंद्र चौधरी सबरूम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके ऊपर वाम दलों के सत्ता में वापसी का दबाव है। अगर कांग्रेस और वामदलों का गठबंधन जीतता है तो वह मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबेस आगे होंगे।संबंधित खबरें
सुदीप रॉय बर्मनसंबंधित खबरें
कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन अगरतला से मैदान में हैं। उनका भाजपा के पापिया दत्ता से मुकाबला था। जिस तरह से कांग्रेस ने साल 2018 में बुरा प्रदर्शन किया उसे सुधारने की चुनौती बर्मन के सामने हैं।संबंधित खबरें
प्रतिमा भौमिक
धनपुर सीट से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को मैदान में हैं। भौमिक केंद्रीय मंत्री बनने वाली त्रिपुरा की पहली महिला हैं। ऐसे में उनके ऊपर पार्टी के भरोसे को कायम रखने की चुनौती है।संबंधित खबरें
2018 में भाजपा और लेफ्ट में हुई थी काटें की टक्करसंबंधित खबरें
साल 2018 के चुनाव में 60 सदस्यों वाली विधान सभा में भाजपा को 36 सीटें मिली थीं। और उसके सहयोगी आईपीएफटी को 8 सीटों मिली थीं। जबकि लेफ्ट को 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। भाजपा को जहां 43.59 फीसदी वोट मिले थे वहीं सीपीएम को 42.22 फीसदी वोट मिले थे। जबकि सीपीआई को 0.82 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस को केवल 1.79 फीसदी वोट मिला था। संबंधित खबरें
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