Tripura Elections: त्रिपुरा में कल मतदान, भाजपा को चुनौती दे रहा कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन, क्या बचेगी सत्ता?

इस बार भाजपा के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है। यहां का चुनाव का परिणाम तय करेगा कि विपक्षी एकता में कितना दम है। इस छोटे से राज्य की राजनीति का राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभाव पड़ना तय है।

त्रिपुरा चुनाव में भाजपा के सामने सत्ता बनाए रखने की चुनौती

त्रिपुरा में चुनाव प्रचार का शोर 14 फरवरी की शाम थम गया। मतदान गुरुवार 16 फरवरी को होगा और नतीजे तीन मार्च को आएंगे। मतदान के लिए कुल 328 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। राज्य में कुल 28.13 लाख वोटर हैं और कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 20 महिला उम्मीदवार हैं। 60 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए होने जा रहे इस चुनाव का राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी खास महत्व है। 2018 चुनाव में भाजपा ने त्रिपुरा में वामदलों का 25 साल पुराना किला ढहा दिया था। क्या कांग्रेस के भरोसे लेफ्ट वापसी कर पाएगा, ये बड़ा सवाल है।

राजघराने की पार्टी भी मैदान मेंभाजपा और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के अलावा इस बार एक नई पार्टी भी मैदान में है। राजघराने से जुड़े प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा टिपरा मोथा (Tipra Motha) पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। टिपरा मोथा एक अलग राज्य ग्रेटर टिपरालैंड की मांग करती रही है और यही उसका मुख्य चुनावी मुद्धा भी है। वहीं, ममता बनर्जी की टीएमसी भी चुनावी मैदान में है और मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पुरजोर कोशिश में हैं।

भाजपा के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती

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