'जब गले लगाने वाले पांडा चीन के बाज बनने का करते हैं...', राहुल पर जयशंकर का तंज; मोदी का किस्सा सुना दिखाया आईना
S Jaishankar on Rahul Gandhi: यही नहीं, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसके अलावा सीएए को मुस्लिमों के प्रति भेदभाव करने वाला बताने वाले एरिक गारसेटी (अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी) को लेकर हुए सवाल के जवाब में कहा, "उन्हें आने तो दीजिए। हम प्यार से समझा देंगे (मुस्कुराते हुए)।"
कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी और केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर। (फाइल)
सुनाया 2011 का किस्सा, मोदी ने तब चीन में कहा था...लंदन में गांधी के चीन पर दिए बयान को लेकर सवाल पर वह बोले, "मुझे विदेश में राहुल की ओर से चीन की कही बात पर पुराना किस्सा याद आता है। यह बात 2011 का है, तब मैं पहली बार नरेंद्र मोदी से मिला था। वह तब गुजरात के सीएम थे (विपक्षी पार्टी की ओर से)। वह सियासी तौर पर हमलों का शिकार हो रहे थे। वह उस समय चीन पहुंचे थे और मैं उस वक्त एंबैसडर था। उन्होंने मुझसे चीन के साथ भारत की समस्याओं पर ब्रीफिंग ली थी। ढेर सारे तब मसले थे। उन्होंने तब मुझसे कहा था कि मैं विपक्षी सीएम भले ही हूं, मगर मैं चीन में यहां ऐसी बात नहीं कहता चाहता, जो हमारे राष्ट्रीय स्टैंड से एक मिलीमीटर भी इधर-उधर हो। मुझे बहुत सावधान रहा है। मुझे याद है कि 2011 में क्या हुआ था और आज क्या हो रहा है।"
राहुल के दिमाग में चीन के नाम पर आता है Harmony शब्द- डॉ.जयशंकरउन्होंने आगे बताया- मैं भारत के नागरिक के नाते यह देखकर परेशान हो जाता हूं कि कोई चीन को लेकर हंस रहा है और भारत को खारिज कर रहा है। राहुल जब चीन के बारे में बात कर रहे थे तो उनके दिमाग में Harmony (सद्भाव) नाम का शब्द आया था, जबकि इस मामले में भारत के लिए उनके जहन में Discord (कलह) शब्द आया। वह चीन की तारीफ करने लगे और कहने लगे कि ड्रैगन कैसे सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर बन गया। यह बात सही है, चीन ने अच्छा काम किया है। पर हिंदुस्तान की जब बात आई तो उन्होंने हर संभव तरीके इसे नीचा दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा 'मेक इन इंडिया' काम नहीं कर पाया। हमने जब को-वैक्सीन बनाई, तब कांग्रेस बोली थी कि वह भी काम न कर सकी।
"कैसे कोई इतना नीचे गिरा सकता है राष्ट्र का मनोबल...?", मंत्री ने पूछाबकौल डॉ.जयशंकर, "आप मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं डरा हूं...मुझे समझ नहीं आता कि कोई कैसे अपने देश का मनोबल इतना नीचा कैसे कर सकता है। यह सिर्फ अर्थव्यवस्था की बात नहीं है...आप सुरक्षा का मसला ले लीजिए। वह कनेक्टिविटी की बात करते हैं। वह चीन के बेल्ड और रोड पहल की बात करते हैं, मगर वह प्रोजेक्ट पीओके से होकर जाता है और यह चीज हमारे देश की अखंडता और संप्रभुता पर हमला करती है...क्या इस पर वह नहीं बोल सकते हैं?"
क्या है पूरा माजरा, जिस पर राहुल ने कहा था- केंद्र में है कायरतादरअसल, 52 साल के कांग्रेसी नेता ने जयशंकर की ओर से एक इंटरव्यू में की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) की ब्रिटेन इकाई की तरफ से लंदन में हुए प्रोग्राम में कहा था, ‘‘अगर आपने विदेश मंत्री के बयान पर गौर किया होगा तो आपने पाया होगा कि उन्होंने कहा था, "चीन हमसे अधिक शक्तिशाली है"। यह जानते हुए कि चीन हमसे (भारत से) अधिक ताकतवर है, हम उससे कैसे लड़ाई मोल ले सकते हैं? इस विचारधारा के केंद्र में कायरता है।’’
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