देश में पहली बार 3D प्रिंटिंग तकनीक से बन रही बिल्डिंग, 8 महीने का काम सिर्फ 45 दिनों में पूरा होगा

डाकघर की इमारत की 3डी प्रिंटिंग पूरी तरह से स्वचालित 3डी प्रिंटर का उपयोग करके 'ओपन टू स्काई' वातावरण में 'सीटू' (Situ) में डाली गई है।

3D प्रिंटेड बिल्डिंग (Twitter)

3D-Printed Public Building: 6 मई को कर्नाटक का अपना पहला 3डी प्रिंटेड सार्वजनिक भवन (3D-printed public building) होगा। कैंब्रिज लेआउट में उल्सूर बाजार डाकघर (Ulsoor Bazaar Post office) भारत का पहला 3 डी प्रिंटेड भवन होगा। 22 मार्च को यहां काम शुरू हुआ और यह अपनी 45 दिन की समय सीमा के भीतर पूरा होने जा रहा है। परियोजना के दौरान एल एंड टी कंस्ट्रक्शन ने एक मीडिया इंटरेक्शन का आयोजन किया गया था, जो 23 लाख रुपये के बजट में इस भवन का निर्माण कर रहा है। बता दें कि इसे लेकर रेल मंत्री अश्विन वैष्णव ने भी ट्वीट किया है।

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लार्सन एंड टुब्रो कंस्ट्रक्शन (बिल्डिंग) के पूर्णकालिक निदेशक और वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष एम वी सतीश ने कहा कि इस शुक्रवार (14 अप्रैल) तक यहां छपाई की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पारंपरिक रूप से निर्मित भवनों की तुलना में इससे समय की भारी बचत होती है। 1100 वर्गफीट में बने इस पोस्ट ऑफिस को बनाने में 6 से 8 महीने का समय लगता होगा। हम इसे यहां सिर्फ 45 दिनों में पूरा कर लेंगे। हमें काम पूरा करने के लिए केवल पांच लोगों की जरूरत है।

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