ET Now Global Business Summit 2024: देश में कहीं भी मामला दर्ज हो 3 साल में अल्टीमेट न्याय मिलेगा - अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ET Now Global Business Summit 2024 के मंच से बताया कि उनकी सरकार 160 साल पुराने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बदल रही है और इसके लिए 600 में से कम से कम 400 धाराओं को बदला गया है। जानिए और क्या-क्या बोले गृहमंत्री इस नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को लेकर...

आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में हमारी मिट्टी की सुगंध है बोले अमित शाह

ET Now Global Business Summit 2024: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने तमाम मुद्दों पर अपनी स्पष्ट नीति सामने रखी। उन्होंने पार्टी पॉलिटिक्स से लेकर विपक्ष की चाल तक हर मुद्दे पर बात की। उन्होंने एनडीए में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आने-जाने और अब जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को शामिल किए जाने के मुद्दे पर भी अपने विचार रखे। यही नहीं उन्होंने भाजपा की आइडियोलॉजी को समझाया और साथ ही बताया कि कैसे उनकी सरकार क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (Criminal Justice System) में सुधार कर रही है।

ग्रुप एडिटर इन चीफ, टाइम्स नाउ नवभारत एंड टाइम्स नाउ नाविका कुमार से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दंड की जगह न्याय को केंद्र में लाने का प्रयास कर रही है। अमित शाह ने बताया कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तीन कानून अंग्रेजों के जमाने के 160 साल पुराने कानूनों को भारतीय न्याय के कॉन्सेप्ट के हिसाब से रिबिल्ट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उसमें दंड की जगह न्याय को केंद्र बिंदु में लाने का प्रयास किया है।

मिटी की सुगंध वाला कानूनअमित शाह ने बताया कि आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में हमारी मिट्टी की सुगंध भी है। उन्होंने कहा, मैं विश्वास से कह सकता हूं कि जब यह कानून पूर्ण रूप से तैयार होकर इंप्लीमेंट हो जाएंगे तो हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया का सबसे आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम होगा, इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए।

तीन साल में पूर्ण न्यायकेंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि हमारा आधिकक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम जब लागू होगा तो चाहे देश के किसी भी कोने में कोई केस दर्ज हो, उसका अल्टीमेट न्याय 3 साल के अंदर मिल जाएगा। इस प्रकार की पूरी सुचारू व्यवस्था इन तीन कानूनों से होगी।

क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में क्या नहीं था?अमित शाह ने बताया कि अंग्रेजो के जमाने में 160 साल पहले बनाए गए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में टेररिज्म की डेफिनेशन ही नहीं थी। यही नहीं उन्होंने बताया कि इन कानूनो में संगठिक अपराध का कोई चैप्टर नहीं था। आर्थिक अपराध नाम की कोई व्याख्या ही नहीं थी। टेक्नोलॉजी का कोई स्थान नहीं था। वीडियो कॉन्फ्रेंस की कोई जगह नहीं थी। जल्दी न्याय देने के लिए कोई सुविधा नहीं थी।

600 में से 400 धाराएं बदली गईंकेंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बनाने के लिए अंग्रेजों के जमाने के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की 600 में से कम से कम 400 धाराओं को बदला गया है, जबकि 65 नई धाराएं इसमें इंट्रोड्यूस की गई हैं।

70 फीसद हिंसा कम हुईअमित शाह ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार की नीति सबके साथ संवाद करने की है। लेकिन संवाद के बाद भी हथियार उठाए तो फिर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की भी नीति है। उन्होंने बताया कि कैसे नॉर्थ ईस्ट में पिछले 10 वर्षों में शांति समझौते हुए हैं। उन्होंने बताया कि साल 2014 से पहले देश में तीन बड़े अशांत क्षेत्र थे, जिसमें जम्मू-कश्मीर, वामपंथी नक्सलवाद का क्षेत्र और नॉर्थ-ईस्ट शामिल थे। उन्होंने बताया कि अब इन तीनों क्षेत्रों में कुल मिलाकर 70 फीसद हिंसा कम हो चुकी है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि आज नक्सलवाद सिर्फ 4 जिलों तक सिमटकर रह गया है और मुझे भरोसा है कि तीन साल में हम इसे भी खत्म कर देंगे। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद राज्य में 80 फीसद आतंकवाद कम हुआ है। उन्होंने कहा, आज 30 साल बाद वहां सिनेमाहॉल खुले हैं, 30 साल बाद ही मोहर्रम के जुलूस निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने यूएपीए एक्ट को मजबूत किया है, एआईए को भी मजबूती दी है और अब क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तीन कानूनों को मजबूती देकर सुरक्षा एजेंसियों को मजबूती देंगे।

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