Umar Khalid: दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में बरी हुआ उमर खालिद, सैफी भी दोषमुक्त; लेकिन नहीं होंगे रिहा
Umar Khalid: इस मामले में आरोपमुक्त होने के बावजूद, दोनों सीएए विरोधी कार्यकर्ता जेल में ही रहेंगे, क्योंकि उनपर अन्य मामले भी दर्ज हैं, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली है। उनके खिलाफ दंगा और आपराधिक साजिश के अन्य आरोपों के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) भी लगाया गया है।
दंगों के मामले से उमर खालिद बरी
इस मामले में बरी
दिल्ली के खजूरी खास थाने में दर्ज FIR से जुड़े मामले में उमर खालिद और खालिद सैफी को बरी किया गया है। 25 फरवरी 2020 को दर्ज की गई इस प्राथमिकी में खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा की जांच की गई थी। जिसमें इन्हें आरोपी बनाया गया था।
इन धाराओं में आरोपी
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153-ए, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 और 120-बी के तहत दर्ज की गई थी। विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने पुष्टि की है कि उमर खालिद और खालिद सैफी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला की अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया है।
जेल से मुक्ति नहीं
खालिद और सैफी को चांदबाग में पथराव के एक मामले में पुख्ता सबूत की कमी के कारण बरी कर दिया गया था। हालांकि इस मामले में बरी होने के बाद भी उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा, क्योंकि उनके खिलाफ और मामले दर्ज हैं, जिसमें उन्हें अभी जमानत नहीं मिली है।
कब हुआ था गिरफ्तार
उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उमर खालिद ने हिंसा में किसी भी "आपराधिक भूमिका" या मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ किसी भी "षड्यंत्रकारी संबंध" से इनकार किया है।
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