Underwater Metro: कैसी होगी भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो? नॉर्मल मेट्रो से कितनी अलग, दुनिया देखेगी पानी के नीचे इंजीनियरिंग का चमत्कार

Kolkata Metro Underwater Metro in India: कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए नदी के नीचे सुरंग बनाई गई है। यहीं से अंडर वॉटर मेट्रो होकर गुजरेगी। हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है, जिसे पार करने में यात्रियों को 1 मिनट से भी कम समय लगेगा। साथ ही रोमांच का भी अनुभव होगा।

Underwater Metro india

देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो टनल

India's First underwater Metro Deatils in Hindi: बीते कुछ सालों में भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। फिर चाहे वह चांद की बात हो या फिर समुद्र का सीना चीर कर ब्रिज बनाना हो। अब इंजीनियरों ने एक और चमत्कार कर दिया है, जिसे देखकर कर दुनिया दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाएगी। दरअसल, भारत अपनी पहली अंडरवॉटर मेट्रो सेवा शुरू करने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 6 मार्च को कोलकाता में देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो सेवा का उद्धाटन करेंगे।

यह मेट्रो टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनी पहली सुरंग है। जहां हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे मेट्रो दौड़ेगी। हुगली नदी के नीचे चलने वाली देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल हावड़ा को कोलकाता से कनेक्ट करेगी। इससे लोगों का आने-जाने का समय तो कम होगा ही, साथ ही यह सफर भी रोमांच से भरा होगा। आइए जानते हैं देश की इस पहली अंडरवॉटर मेट्रो की खासियत...

कोलकाता में भारत का पहला अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का है हिस्सा

बता दें, कोलकाता मेट्रो का काम कई चरणों में आगे बढ़ा है। मौजूदा चरण में शहर के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए नदी के नीचे सुरंग बनाई गई है। यहीं से अंडर वॉटर मेट्रो होकर गुजरेगी। यह सेक्टर v से हावड़ा तक चलेगी। जानकारी के मुताबिक, हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड मेट्रो टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनी पहली सुरंग है। इसके साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन अब भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन गया है। यहां माजेरहाट मेट्रो स्टेशन भी इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है, जहां पर रेलवे ट्रैक को प्लेटफार्म के ठीक ऊपर बनाया गया है, ऐसा यह एकमात्र मेट्रो स्टेशन होगा।

भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो: 520 मीटर लंबी है सुरंग

हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का रास्ता करीब 4.8 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है। अंडरग्राउंड पूरी टनल करीब 10.8 किलोमीटर लंबी है। पानी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को 1 मिनट से भी कम समय लगेगा। बता दें, इस मेट्रो की तुलना लंदन और पेरिस के बीच चलने वाली यूरोस्टार ट्रेनों से हो रही है।

भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो: पानी के नीचे मिलेगा 5G इंटरनेट

अंडरवॉटर मेट्रो में भी यात्रियों की सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। यहां यात्रियों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी। बता दें, इस मेट्रो टनल का काम 2017 में शुरू हुआ था। पानी के नीचे टनल बनाने के लिए हजारों टन मिट्टी भी निकाली गई है। अधिकारियों का दावा है कि अंडरवॉटर मेट्रो टनल में पानी की एक बूंद भी प्रवेश नहीं कर सकती है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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