Uniform Civil Code: उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ UCC बिल, देश का पहला राज्य बना
Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे विधानसभा में पेश किया था। दो दिन की लंबी चर्चा के बाद ध्वनिमत के साथ इसे पारित कर दिया गया।
उत्तराखंड विधानसभा में UCC बिल पास
Uniform Civil Code: उत्तराखंड विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) बिल को बुधवार को कर दिया गया। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे पेश किया था, जिसके बाद सर्वसम्मति से ध्वनिमत के साथ इस बिल को पास किया गया। अब इस बिल को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, वहां से अनुमति मिलने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। बता दें, समान नागरिक संहिता विधेयक पारित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
समान नागरिक संहिता बिल पास होने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, उत्तराखंड के लिए आज बहुत विशेष दिन है। आज देवभूमि की विधानसभा ने इस विशेष विधेयक, जिसकी लंबे समय से देश में प्रतीक्षा थी, जो वर्षों का इंतजार था, उसकी शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड से हुई है।
उत्तराखंड UCC लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 को विधानसभा में पेश किया था। आज बुधवार को सदन में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इसे पास कर दिया। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा। विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।
जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने संवाद किया।
कुप्रथाओं पर लगेगी रोक
समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।
यूसीसी के अन्य जरूरी प्रावधान
- विवाह का पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं से होना पड़ सकता है वंचित।
- पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह पूर्णतः प्रतिबंधित।
- सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित।
- वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा।
- पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास ही रहेगी।
- सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार।
- सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटी-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार।
- मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक।
- संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना गया है।
- किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी व बच्चों को समान अधिकार दिया गया है। उसके माता-पिता का भी उसकी संपत्ति में समान अधिकार होगा। किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया गया ।
- लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी।
- लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Delhi की महिला कांस्टेबलों को सैल्यूट, 9 महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया
Rashtrapati Ashiana: जनता के लिए खुलेगा देहरादून स्थित 'राष्ट्रपति आशियाना', तैयारी शुरू
ED मामले में मंजूरी की प्रति को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दायर की नई याचिका
Manipur Violence: विधायकों के घर जलाने के मामले में कार्रवाई, दो आरोपी और गिरफ्तार
महाराष्ट्र में महायुति की सरपट दौड़ी गाड़ी, अघाड़ी बनी पिछाड़ी, BJP की सुनामी में उड़ गया MVA
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited