Karpoori Thakur: 'जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर बनने में बहुत लंबा समय लगा' बोले गृहमंत्री अमित शाह

Karpoori Thakur: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के 100वें जन्म जयंती समारोह को संबोधित किया कहा- मोदी जी ने 22 जनवरी को रामकाज और 23 जनवरी को गरीबकाज किया।

गृह मंत्री अमित शाह ने कर्पूरी ठाकुर जी के 100वें जन्म जयंती समारोह को संबोधित किया

Karpoori Thakur Birth Anniversary: इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी अपने स्वभाव, कर्म, सिद्धांतप्रियता, सादगी, सरलता, गरीब और वंचितों के प्रति अपनी संवेदना से जननायक तो बने ही थे, लेकिन जननायक को भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर बनने में बहुत लंबा समय लगा। उन्होंने कहा कि कई सरकारें आईं लेकिन किसी ने कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान देने के बारे में सोचा तक नहीं। आज उनकी 100वीं जन्मजयंती के अवसर पर उन्ही की तरह गरीब के घर में पले-बढ़े प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का काम किया है।

शाह ने कहा कि ये संयोग ही है कि 22 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी जी ने राम काज किया और 23 तारीख को गरीब काज कर राम और गरीब को जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 22 तारीख को 500 सालों से प्रतीक्षित सभी रामभक्तों के स्वप्न को पूरा किया और 23 तारीख को लाखों-करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों और आदिवासियों के मन की वर्षों की इच्छा को पूरा करते हुए, सामाजिक न्याय को मूर्त रूप देने वाले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया। मोदी जी ने ना सिर्फ जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को सम्मानित किया है, बल्कि इस देश के करोड़ों गरीबों को सम्मानित किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे संविधान के सबको न्याय और समान अधिकार के मूल मंत्र को सम्मानित करने का काम कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देकर किया है। मोदी जी ने देश के करोड़ों गरीब युवाओं के मन में कुछ भी बन सकने की आशा पैदा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर्पूरी ठाकुर जी का सम्मान कर, एक प्रकार से सादगी, प्रामाणिकता, बराबरी के सिद्धांत, सात्विकता, , नीतिपरायणता और आत्मसम्मान के साथ राजनीति में संघर्ष कर रहे करोड़ों युवाओं का प्रतीकात्मक रूप से सम्मान करने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि श्री कर्पूरी ठाकुर जी एक निष्काम कर्मयोगी की तरह अपने काम से ही जीवन के उच्चतम मूल्यों को प्रस्थापित करने वाले, समानता के सिद्धांत को संघर्ष कर अपने उदाहरण से ही प्रस्थापित करने वाले, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को ज़मीन पर उतारने के उदाहरण प्रस्तुत करने वाले और सिद्धांतनिष्ठ जीवन जीवन जीने वाले वाले व्यक्ति थे।

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