आम चुनाव में हलाल प्रोडक्ट बनेंगे बड़ा मुद्दा? यूपी के बाद बिहार में भी बैन की मांग
Halal Certification: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, हलाल कारोबार के अंतर्गत जिन चीजों का इस्लाम से कोई संबंध नहीं हैं, उनका कारोबारी इस्लामीकरण हो रहा है। कुछ संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेट देने की स्वयंभू हो गई हैं।
बिहार में हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन की मांग
Halal Certification: 2024 के चुनाव में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ड बड़ा मुद्दा बन सकते हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। गिरिराज सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि हलाल कारोबार के अंतर्गत जिन चीजों का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है, उनका कारोबारी इस्लामीकरण हो रहा है।
बता दें, अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट पर उत्तर प्रदेश की सीमा के अंदर बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। यह बैन लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में इस मामले पर दर्ज एफआईआर के बाद लगाया गया है। आशंका जताई गई है कि हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है।
गिरिराज सिंह ने क्या कहा?
हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार में अनेक खाद्य पदार्थों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों जैसे खाद्य तेल, नमकीन, ड्राई फ्रूट, मिठाईयां, कॉस्मेटिक, दवाओं और मेडिकल उपकरणों का हलाल कारोबार हो रहा है। जबकि इस प्रकार की सामग्रियों के मानक से संबंधित प्रमाण के लिए FSSAI जैसे मानक ही वैध हैं। उन्होंने कहा, हलाल कारोबार के अंतर्गत जिन चीजों का इस्लाम से कोई संबंध नहीं हैं, उनका कारोबारी इस्लामीकरण हो रहा है। कुछ संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेट देने की स्वयंभू हो गई हैं और सामान बनाने वाली कंपनियों को मोटी रकम देकर सर्टिफिकेट दे रही हैं। उन्होंने कहा इस बात की आशंका है कि इसके पीछे एक बहुत बड़ा षडयंत्र है।
हलाल सर्टिफिकेट के जरिए आतंकी गतिविधियों की आशंका
गिरिराज सिंह ने कहा, भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है, बल्कि देशद्रोह भी है। उन्होंने कहा, पूरे विश्व में प्रमाणन संबंधी व्यावसायिक गतिविधियों का आकार लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर तक है, अर्थव्यवस्था के इस स्वरूप के आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने की बात प्रकाश में आ रही है। उन्होंने नीतीश कुमार से इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही गहन जांच की भी मांग की है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेशन?
दरअसल, इस्लामी मान्यताओं के अनुसार में जो-जो करने की मनाही होती है उसे हराम कहा जाता है और जिस चीज की इजाजत होती है उसे हलाल बताया गया है। ये सबकुछ खाने-पीने की चीजों के निर्माण और पशु वध पर लागू होता है। हलाल सर्टिफाइड से तात्पर्य है कि किसी भी उत्पाद को इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार तैयार किया गया हो। इसको लेकर कई कंपनियां उत्पादों पर मुहर लगाती है, जो हलाल सर्टिफाइड हो जाता है।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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