'राजनीति अतृप्त आत्माओं का महासागर है, यहां हर कोई दुखी है', नितिन गडकरी की खरी-खरी

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में अपने अंदाज से फिर लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। नितिन गडकरी ने अपनी खरी-खरी बातों से नेताओं की कभी न पूरी होने वाली इच्छा पर तंज कसा। गडकरी ने कहा कि जिंदगी पूरी तरह मुश्किलों से भरी इसलिए हमें आर्ट ऑफ लिविंग आना चाहिए।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी।

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में अपने अंदाज से फिर लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। नितिन गडकरी ने अपनी खरी-खरी बातों से नेताओं की कभी न पूरी होने वाली इच्छा पर तंज कसा। गडकरी ने कहा कि जिंदगी पूरी तरह मुश्किलों से भरी इसलिए हमें आर्ट ऑफ लिविंग आना चाहिए।

राजनीति में सभी दुखी हैं-गडकरी

गडकरी ने एक पुराने वाकये को याद करते हुए कहा कि जब मैं राजस्थान विधानमंडल में एक कार्यक्रम में गया था तो मैंने कहा था कि राजनीति अतृप्त आत्माओं का महासागर है, इस पर सब हंसने लगे। राजनीति में हर कोई दुखी है। पार्षद इसलिए दुखी है कि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला। विधायक इसलिए दुखी है कि उसे मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। जो मंत्री बना वो इसलिए दुखी है कि उसे अच्छा विभाग नहीं मिला। बाद में इसलिए दुखी होता है कि वो मुख्यमंत्री नहीं बना। और मुख्यमंत्री इस बात से टेंशन में रहता है कि आलाकमान निकाल दे इसका कोई भरोसा नहीं। यानी जिंदगी एक चैलेंज और इसे पार कर आगे जानी ही आर्ट ऑफ लिविंग है।

'जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है'

गडकरी ने ये बातें सोमवार को नागपुर में किताब '50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ' (जीवन के 50 स्वर्णिम नियम) के विमोचन के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि जीवन समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है। व्यक्ति अगर पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या कॉर्पोरेट में है तो उसका जीवन चुनौतियों से भरा रहता है।

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