केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने BSP की आलोचना की, आकाश आनंद को RPI में शामिल होने का दिया न्योता

बसपा प्रमुख मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालने के हालिया फैसले के बारे में अठावले ने सुझाव दिया कि आनंद आरपीआई में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह (आकाश आनंद) बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल होना चाहिए।

Ramdas Athawale-Akash Anand

आकाश आनंद को RPI में शामिल होने का न्योता

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बाबा साहेब अंबेडकर की विचारधारा का पालन करने का दावा करने के बावजूद उनके सिद्धांतों का पालन न करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की कड़ी आलोचना की है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) का नेतृत्व करने वाले अठावले ने कहा कि आरपीआई बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों पर आधारित पार्टी है। बसपा ने बाबा साहेब का नाम लिया, लेकिन पार्टी के सिद्धांतों का पालन नहीं किया। अठावले ने ब्राह्मण समुदाय पर बसपा के रुख के अपने विरोध को भी याद करते हुए कहा कि जब बसपा ने ब्राह्मण समुदाय का विरोध किया था, तो मैंने इसका विरोध किया था।

अठावले का सुझाव आनंद RPI में होना चाहिए शामिल

केंद्रीय मंत्री ने अपनी पार्टी की भविष्य की विकास योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हम 2025 तक 10 लाख सदस्य बनाएंगे। 50 जिलों में एक समिति बनाई गई है। हर जिले में हम रिपब्लिकन पार्टी की एक समिति बनाएंगे और आरपीआई का नारा दोहराएंगे। बसपा प्रमुख मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालने के हालिया फैसले के बारे में अठावले ने सुझाव दिया कि आनंद आरपीआई में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह (आकाश आनंद) बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल होना चाहिए।

अठावले ने जोर देकर कहा कि आरपीआई में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी को महत्वपूर्ण ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर वह (आकाश आनंद) पार्टी में शामिल होते हैं, तो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को यूपी में और अधिक ताकत मिलेगी। बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सोमवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को निष्कासित करते हुए कहा कि उनके कर्तव्यों से मुक्त होने के बाद उनके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया स्वार्थी और अभिमानी थी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पदों से हटाए जाने के बाद आनंद द्वारा की गई टिप्पणी राजनीतिक परिपक्वता का संकेत नहीं थी। उन्होंने उन पर अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में होने का आरोप लगाया। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आकाश द्वारा दिया गया लंबा जवाब पश्चाताप और राजनीतिक परिपक्वता का संकेत नहीं है, बल्कि यह अधिकतर स्वार्थी और अहंकारी है...अपने ससुर के प्रभाव में, जिससे बचने की मैं पार्टी में लोगों को सलाह देती रही हूं। मायावती ने कहा कि आकाश आनंद से उम्मीद की जाती है कि वे बसपा में प्रमुख पदों से हटाए जाने के फैसले को परिपक्वता से स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि कल बीएसपी की अखिल भारतीय बैठक में आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक पद समेत सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया, क्योंकि वे अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के लगातार प्रभाव में थे, जिन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया था। इसके लिए उन्हें पश्चाताप करना चाहिए था और परिपक्वता दिखानी चाहिए थी।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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