इंदौर में अनोखा स्टार्टअप 'रूट्स', खेती और मोटे अनाजों को बढ़ावा, G20 बैठक की थीम 'कृषि'
दो इंजीनियरों ने 16 राज्य 90 शहरों की 4500 किलोमीटर की यात्रा कर चुने शुद्ध प्राकृतिक 'कृषि' प्रोडक्ट, रागी, समा, कंगनी, सनवा, कोडो, चेना जैसे मोटे अनाज को बढ़ावा
इंदौर का एक स्टार्टअप 'रूट्स' कृषि और किसानों को लेकर पहले ही काम कर रहा है
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जी 20 की बैठक हो रही है। इस बैठक में 'कृषि' आधारित मुद्दों पर बातचीत होगी। इंदौर का एक स्टार्टअप 'रूट्स' कृषि और किसानों को लेकर पहले ही काम कर रहा है। ये स्टार्टअप रागी, समा, सनवा, कंगनी, कोडो, चेना, मकरा जैसे मोटे अनाजों पर पहले से ही बढ़ावा देने का काम कर रहा है।
कोरोना के समय 81 साल की नानी ने 10 दिन के भीतर ही आसानी से कोरोना को मात दे दी। नानी ने इसका राज अपना 'पुराना शुद्ध खानपान' बताया और कहा कि अब खाने की वो 'शुद्ध' चीजें कहां मिल पाती हैं तो बस यहीं से 2 इंजीनियर सुपात्र उपाध्याय और हरिओम यादव के दिमाग में 'खाने की शुद्ध' चीजें लोगों तक इसे पहुंचाने का आइडिया आया।
इसलिए इन 2 इंजीनियरों ने ठाना कि कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक खानपान की पुरानी 'शुद्ध' चीजों को पहुंचाएं। इसके लिए देश के कोने-कोने से शुद्ध प्राकृतिक प्रोडक्ट इंदौर लाने की योजना बनाई। दोनों ने 1 साल तक पूरे देश में 16 राज्यों के 90 शहरों की 4500 किलोमीटर की यात्रा कर मोटा अनाज जिसमें मिलेट्स, रागी, जौ, मसाले, सूखे मेवे, जैसे 150 से ज्यादा सर्टिफाइड शुद्ध प्रोडक्ट खुद हाथ से चुनकर स्थानीय किसानों से करार किया।
इसके लिए देश में जो फसल जहां प्रसिद्ध और ज्यादा होती है वहीं से प्राकृतिक प्रोडक्ट चुने। जैसे कश्मीर से अखरोट, मैंगलोर से काजू, नाशिक से किशमिश, तमिलनाडु से इलायची और कालीमिर्च, कन्याकुमारी से लौंग, राजस्थान से अश्वगंधा को चुना। रागी, समा, कंगनी, सनवा, कोडो, चेना जैसे मोटे अनाज को अलग-अलग राज्यों से चुना। चावल को छत्तीसगढ़ से मंगवा रहे हैं। इनके लिए बिना किसी बिचौलिए के सीधा उन्हीं किसानों से करार किया जो प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती करते हैं ताकि प्रोडक्ट की 'शुद्धता' बनी रहे।
हार्टअटैक के पीछे तेल का बड़ा हाथ होता है। इसलिए इन्होंने खोपरा, मूंगफली, सरसों और बादाम से खुद लकड़ी की कच्ची घानी के जरिए 'शुद्ध तेल' भी तैयार करना शुरू किया। कच्ची घानी के तेल को आप अपने सामने बनते हुए देख सकते हैं। इसके साथ ही पुरातन पद्धति वाली पत्थर वाली चक्की से आटा भी तैयार करते हैं जिससे डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। मसाले भी हाथ से कूटकर ही तैयार करते हैं ताकि उनके तत्व बने रहें। इससे महिलाओं को रोजगार भी मिला।
इस तरह सुपात्र और हरिओम ने इंदौर के निपानिया में स्टार्टअप 'रूट्स' की शुरुआत की। इसके जरिए सिर्फ प्राकृतिक और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स जिसमें सूखे मेवे, गिर गाय का बिलोना घी, मसाले, ऑर्गेनिक अनाज, मिलेट्स, दालें जैसे 150 से ज्यादा शुद्ध प्राकृतिक कृषि प्रोडक्ट लोगों को इंदौर में बेचना शुरू किया।
खेती को भी बढ़ावा मिलेगा
'रूट्स' के को-फाउंडर सुपात्र उपाध्याय के मुताबिक 'कृषि' थीम को लेकर इंदौर में जी 20 समिट की बैठक होना हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे दो मिशन है पहला खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का सहयोग और दूसरा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शुद्ध प्राकृतिक और प्रोडक्ट को पहुंचाना ताकि वो स्वस्थ्य जीवन जी सकें। इसलिए हम बिना किसी बिचौलिए के प्रोडक्ट्स को उसके मूल स्थान से लेकर आते हैं।'
शुद्ध खानपान पर जोर क्यों
'रूट्स' के को-फाउंडर हरिओम यादव के मुताबिक आजकल युवाओं में हार्टअटैक की समस्या एक आम बात हो गई है। हम शुद्ध खानपान पर इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि प्राकृतिक प्रोडक्ट्स जमीन और शरीर के लिए जहर माने जाने वाले कीटनाशकों मुक्त होते हैं। इन प्रोडक्ट्स में प्रोषक तत्वों की मात्रा भरपूर होती है जिससे शरीर को फायदा होता है और हमारा प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत रहता है।
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