पहाड़ों पर निर्माण की सबसे सुरक्षित तकनीक के बारे में जानें, कभी नहीं बनेंगे जोशीमठ जैसे हालात
Amarnath Yatri Nivas : पीईबी से कई तरह के निर्माण संभव है। इसी तरह एक उदाहरण है, ईपैक प्रीफैब द्वारा एक हाल ही में रामबान जिले में निर्मित अमरनाथ यात्री निवास। यहां, नाज़ुक और चुनौतीपूर्ण भू-प्रदेश के कारण पारंपरिक निर्माण संभव नहीं था।
अमरनाथ यात्री निवास।
Amarnath Yatri Nivas : गर्मी के बढ़ते ही लोग पहाड़ों की ओर जाने का प्लान बनाने लगते हैं, लेकिन ऐसे में प्राकृत आपदा से निपटना भी एक चुनौती है। जोशीमठ में जमीन धसने की घटना हो या हाल ही में बद्रीनाथ और जम्मू के इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं, इनकी एक मुख्य वजह है पहाड़ों पर भड़ता भार। भारत में लगभग 30% पहाड़ हैं और भारत भूस्खलन, तबाही, चट्टानों के गिरने आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आदत से परिचित हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए प्री-इंजीनियर्ड इमारतों ( पीईबी ) का उपयोग करके इस मुश्किल और नाज़ुक भू-प्रदेश में घर, स्कूल, अस्पताल, होटल और अन्य संरचनाओं की निर्माण कर रहा है।
क्यों कारगार हैं पीईबी
पीईबी आपदा प्रविष्ट क्षेत्रों में निर्माण के लिए एक उत्तम समाधान माना जाता है। इन संरचनाओं को क्षेत्र की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है, जिनमें हवा की गति और भूकंप क्षेत्र जैसी प्राकृतिक चुनौतियां शामिल हो सकती हैं। पीईबी का आधार भारी नहीं होते हैं और कम क्षेत्र में निर्मित होते हैं। इन संरचनाओं का वजन पारंपरिक इमारतों की तुलना में 50% तक कम होता है। इसके अलावा, पीईबीएस में लचीलापन होता है जिसके चलते ये भूमि के हिलने की स्थिति या उन इलाकों में निर्माण के लिए एक अत्यंत उपयुक्त और विश्वसनीय विकल्प हैं।
इनका ये है कहना
डायरेक्टर ईपैक प्रीफैब निखिल बोथरा बताते हैं कि, पीईबीएस ने भारत के जैसे भूस्खलन-आपदा प्रविष्ट क्षेत्रों में निर्माण के लिए एक वरदान साबित हो गए हैं। वे अनुकूलनशील, लचीले, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से सतत्तापूर्ण होते हैं, जो इसके विकास के लिए आदर्श समाधान हैं।
क्या हैं इनके फायदे
बर्फीले क्षेत्रों के अलावा, पीईबी पारंपरिक इमारतों की तुलना में कई लाभ प्रदान करते हैं। इन संरचनाओं से कार्बन नहीं बनता है और पूरे निर्माण में कम से कम जल का उपयोग होता है। पीईबीएस के उपयोग से निर्माण का समय 50% तक कम हो जाता है, जिससे क्षेत्र में अधिकतम कुशलता होती है। इन संरचनाओं को अपारंपरिक रास्तों की अनुपस्थिति में भी आसानी से दूरस्थ किया जा सकता है, क्योंकि इनकी हल्की और लचीली डिजाइन की वजह से वे आसानी से संगठित किए जा सकते हैं। निखिल बोथरा के मुताबिक, भारत की उत्तर पूर्वी क्षेत्र ने पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण के लिए पीईबीएस प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है।
कैसे बना है अमरनाथ यात्री निवास
पीईबी से कई तरह के निर्माण संभव है। इसी तरह एक उदाहरण है, ईपैक प्रीफैब द्वारा एक हाल ही में रामबान जिले में निर्मित अमरनाथ यात्री निवास। यहां, नाज़ुक और चुनौतीपूर्ण भू-प्रदेश के कारण पारंपरिक निर्माण संभव नहीं था जिसके चलते श्रद्धालुओं को वहाँ रुकने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस यात्री निवास में 17 ब्लॉक हैं जिनमें हर एक में 6 छात्रावास होते हैं, यात्री निवास एक विशाल और सुरक्षित सुविधा है जो सीआरपीएफ और सेना के सहयोग से 24x7 कार्यरत है।
प्राकृतिक आपदाओं में है कारगर
निखिल बोथरा के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण है कि सरकार और निजी क्षेत्र एक साथ काम करें और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण के लिए पीईबीएस का उपयोग प्रोत्साहित करें। पीईबी तकनीक के अपनाने से पर्वतीय क्षेत्रों में सतत और प्रतिरक्षाशील निर्माण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके अद्वितीय अनुकूलन विकल्पों और लचीलापन के कारण, पीईबी आपदा प्रविष्ट क्षेत्रों में सुरक्षित और सुरक्षित संरचनाओं का निर्माण करने का तरीका है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
छत्तीसगढ़ भर्ती घोटाला: CBI का दावा, CGPSC के पूर्व प्रमुख ने साझा किए थे प्रश्नपत्र; जानिए क्या है पूरा मामला
कौन हैं दीपिका देशवाल..., ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मिला 'विशेष आमंत्रण'
सैफ अली खान पर हमला करने वाला गिरफ्तार, रेस्टोरेंट में वेटर है आरोपी; कबूल लिया अपना जुर्म
किसान नेता डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने पर जताई सहमति; प्रदर्शनकारी किसानों के साथ केंद्र सरकार 14 फरवरी को करेगी बैठक
आज की ताजा खबर Live 19 जनवरी-2025 हिंदी न्यूज़: सैफ अली खान पर हमला करने वाला गिरफ्तार, प्रदर्शनकारी किसानों के साथ 14 फरवरी को बैठक करेगी केंद्र सरकार, डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने को राजी; पढ़ें हर छोटी-बड़ी खबरें
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited