पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स रेप नहीं, उसकी सहमति महत्वहीन: कोर्ट
जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच ने कहा कि यदि एक पत्नी वैध विवाह के दौरान अपने पति संग रह रही है, तो पति द्वारा अपनी ही पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स रेप नहीं होगा।

पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स बलात्कार नहीं
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि किसी पुरुष का अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि भारतीय कानून में वैवाहिक बलात्कार को मान्यता नहीं दी गई है और ऐसे मामलों में उसकी सहमति महत्वहीन हो जाती है। यह आदेश बुधवार (1 मई) को जारी किया गया। जानकारी के अनुसार, अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा कई बार उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया।
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कहा कि एक पति का अपनी पत्नी के साथ गुदा मैथुन (Anal Sex) करना बलात्कार नहीं माना जाएगा, भले ही यह गैर-सहमति से किया गया हो, जब तक कि पत्नी की उम्र 15 वर्ष से कम न हो। आईपीसी की धारा 375 के तहत बलात्कार की संशोधित परिभाषा के मद्देनजर, जिसके द्वारा एक महिला के गुदा (Anal) में लिंग का प्रवेश भी बलात्कार की परिभाषा में शामिल किया गया है और पति द्वारा किसी भी तरह का संभोग या यौन कृत्य किया गया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि पंद्रह वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ बलात्कार नहीं होता है, तो इन परिस्थितियों में, अप्राकृतिक कृत्य के लिए पत्नी की सहमति के अभाव को अब तक मान्यता नहीं दी गई है।
अप्राकृतिक यौन संबंध का कोई अपराध नहीं
न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया ने आगे कहा कि चूंकि एक पति द्वारा अपने साथ रहने वाली कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है, इस बात पर और विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है कि क्या एफआईआर तुच्छ आधार पर दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले में एकमात्र अपवाद आईपीसी की धारा 376बी होगी, जहां पत्नी के साथ यौन कृत्य बलात्कार होगा यदि यह उस समय के दौरान किया गया हो जब वे न्यायिक अलगाव के कारण अलग रह रहे हों या अन्यथा नहीं।
बता दें, मामला 2019 का है, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि शादी के बाद, जब वह दूसरी बार अपने वैवाहिक घर लौटी, तो उसने कई बार उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। इसके बाद पति ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एफआईआर को चुनौती दी और इसे रद्द करने का अनुरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि उनके और उनकी पत्नी के बीच अप्राकृतिक यौन संबंध का कोई भी उदाहरण आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं होगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

100 दिनों में इन 21 फैसलों ने बदली चुनाव आयोग की तस्वीर, मजबूत लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम

वायुसेना प्रमुख ने रक्षा अधिग्रहण परियोजनाओं में देरी पर जताई चिंता, जानें क्या कुछ कहा?

सीमावर्ती इलाकों में अब 31 मई को होगी मॉक ड्रिल, इन वजहों से बदली गई तारीख; सायरन की सुनाई देगी गूंज

परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर! अमरनाथ यात्रा होगी सुरक्षित; CAPF की 580 कंपनियों के तैनाती का आदेश

राहुल गांधी ने पुंछ के पीड़ितों के लिए सरकार से मांगी मदद; PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- राहत और पुनर्वास पैकेज करें तैयार
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited