यूपी निकाय चुनावों में 1200 मुसलमानों को टिकट दे सकती है BJP, जानें क्या है नई रणनीति

Uttar Pradesh civic polls: रिपोर्टों में भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बार भगवा पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में इस समुदाय से उम्मीदवारों को टिकट देने का मन बनाया है। इसके लिए उसने 17 नगर निगमों, 199 नगर पालिका परिषद एवं 436 नगर पंचायतों में करीब 1200 मुस्लिम वार्डों की पहचान की है।

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इस साल के अंत में यूपी में होंगे शहरी निकाय चुनाव।

मुख्य बातें
  • देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल के अंत में होंगे शहरी निकाय चुनाव
  • सूत्रों की मानें तो इस बार भाजपा करीब 1200 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दे सकती है
  • प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र यादव भी मुस्लिमों को टिकट देने के बारे में संकेत दे चुके हैं

Uttar Pradesh civic polls: चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने से परहेज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव करती नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो साल के अंत में राज्य में होने वाले शहरी निकाय चुनावों में वह बड़ी संख्या में मुस्लिम चेहरों को टिकट दे सकती है। रिपोर्टों में भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बार भगवा पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में इस समुदाय से उम्मीदवारों को टिकट देने का मन बनाया है। इसके लिए उसने 17 नगर निगमों, 199 नगर पालिका परिषद एवं 436 नगर पंचायतों में करीब 1200 मुस्लिम वार्डों की पहचान की है। भगवा पार्टी इन वार्डों में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दे चुके हैं संकेत

साल 2017 के शहरी निकाय चुनावों में राज्य में वार्डों की संख्या 11,995 थी। इनमें से 1300 वार्ड नगर निगमों, एनपीपी में 5,261 एवं एनपी में 5,455 वार्ड थे। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी शहरी निकाय चुनावों में मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट देने के बारे में संकेत दे चुके हैं।

यूपी में 19 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता

मुजफ्फरनगर में हाल ही में हुई पार्टी की बैठक में उन्होंने कहा, 'इस बार शहरी निकाय चुनावों में पार्टी मुस्लिम चेहरों को टिकट दे सकती है। इससे भाजपा के बारे में जो एक बना हुआ नजरिया है, उसमें निश्चित रूप से बदलाव आएगा। भाजपा सभी समुदाओं एवं जातियों की पार्टी है।' राज्य में मुस्लिम मतदातदाओं की संख्या करीब 19 प्रतिशत है। इस बात को ध्यान में रखते हुए भाजपा कुल वार्डों के 10 प्रतिशत सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने के बारे में सोच रही है। भाजपा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देती है तो यह उसकी सोच एवं रणनीति में बदलाव के रूप में देखा जाएगा क्योंकि 2017 के निकाय चुनावों में उसने किसी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में भी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं मिला था। अपनी इस परंपरा को वह तबसे आगे बढ़ाती रही है।

अभी भाजपा के पास कोई मुस्लिम सांसद-विधायक नहीं

भाजपा इस समय देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है लेकिन संसद की अगर बात करें तो गत सात जुलाई के बाद लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों में उसके पास कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है। इस दिन मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। यही नहीं भाजपा के पास कोई मुस्लिम विधायक भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा रामपुर, आजमगढ़, मेरठ, आगरा, मुजफ्फरनगर, बरेली, आगरा, बिजनौर एवं सहारनपुर में मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है।

मुस्लिम समुदाय में पकड़ बना रही पार्टी

बता दें कि रामपुर एवं आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली। ये दोनों सीटें मुस्लिम बहुल एवं समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती हैं लेकिन यहां सेंध लगाने में भगवा पार्टी सफल हुई। उप चुनावों में पार्टी ने इन सीटों पर हिंदू समुदाय से उम्मीदवार उतारे थे। इसके बाद से भाजपा मुस्लिम समुदाय में लगातार अपनी पकड़ मजबूत करने और मुस्लिमों को लुभाने में जुटी है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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