ED के शिकंजे में अंसारी, किनारा कर बोले राजभर- वो हमारे MLA नहीं, SP का झंडा लगा घूमते थे
अब्बास अंसारी से ईडी फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ कर रही है। उनके खिलाफ गलत तरीके से हथियार खरीदने समेत कई अन्य आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उन्होंने हाल ही में सरेंडर कर दिया था।
सुभासपा (SBSP) चीफ ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar)। (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश (UP) की मऊ सदर (Mau Sadar) सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के टिकट पर चुने गए विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकंजे में आने के बाद सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर (OP Rajbhar) ने उनसे किनारा कर लिया है।
उन्होंने अंसारी को अपनी पार्टी का विधायक मानने से ही इन्कार कर दिया है। रविवार (छह नवंबर, 2022) को राजभर ने आरोप लगाया कि अब्बास को टिकट दिलाना सपा (SP) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की साजिश थी।
मऊ के अस्पताल में मरीज को देखने पहुंचे राजभर ने मीडिया से अंसारी के बारे में पूछे जाने पर बताया, “अब्बास हमारे विधायक नहीं हैं। वह अखिलेश के हैं। केवल विधिक तौर पर पार्टी का चुनाव चिन्ह लेने के कारण ही वह हमारी पार्टी के विधायक कहला रहे हैं। अब्बास सपा का ही झंडा लगाकर घूमते थे।”
यूपी का बीचा विस चुनाव सपा संग मिलकर लड़ने वाले राजभर का आरोप है कि अखिलेश ने डमी प्रत्याशियों को सुभासपा का टिकट दिलाकर पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया।
बकौल राजभर, “अखिलेश को बहुत घमंड हो गया था कि विस चुनाव के बाद प्रदेश में उनकी सरकार बन रही है, इसलिए उन्होंने डमी उम्मीदवार देकर मुझे खत्म करने का प्रयास किया। कुछ जगहों पर बहुत कहने-सुनने के बाद ही मजबूत उम्मीदवारों को सुभासपा के कोटे से टिकट दिया गया।”
विस चुनाव में सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार नहीं बनने पर गठजोड़ से अलग हुए राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश ने जिस सीट पर सुभासपा को टिकट दिया, वहां यही चाहा कि पार्टी हार जाए, लेकिन वह उनके दांव को समझ नहीं पाए थे।
दरअसल, सुभासपा ने सपा नीत गठबंधन में शामिल होकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सुभासपा के विजेता उम्मीदवारों में माफिया राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी भी शामिल थे।
ईडी मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के मामले में फिलहाल अब्बास से पूछताछ कर रही है। अब्बास के खिलाफ गलत तरीके से हथियार खरीदने समेत कई अन्य आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उन्होंने हाल ही में आत्मसमर्पण किया था।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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