क्या 46 साल बाद संभल हिंसा की नए सिरे से होगी जांच? UP पुलिस ने दिया यह जवाब

Sambhal Riots: संभल में साल 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे की जांच फिर से की जाएगी। इस मामले में गृह विभाग के उप सचिव और मानवाधिकार आयोग ने संभल के डीएम और एसपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। योगी सरकार ने 1978 में हुए संभल दंगों की जांच का जिम्मा एएसपी को सौंपा है। आपको तफसील से सबकुछ बताते हैं।

संभल पुलिस (फोटो साभार: @sambhalpolice)

1978 Sambhal Riots: संभल में 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों की क्या फिर से जांच होने वाली है? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है, क्योंकि सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर जांच से जुड़ी कई तरह की बातें वायरल हो रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि संभल में 46 साल पहले हुए दंगों की फाइल फिर से खुल सकती है, क्योंकि उत्तर प्रदेश ने घटना की नए सिरे से जांच की मांग की है और पुलिस और प्रशासन से सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, पहले यह जान लेते हैं।

संभल दंगों की फिर होगी जांच?

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को संभल दंगों की फिर से जांच से जुड़ी वायरल हो रही तमाम सूचनाओं को खारिज करते हुए भ्रामक करार दिया है। संभल के पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, ''सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर यह भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि संभल में 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों की फिर से जांच शुरू की जा रही है। ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।''

उन्होंने कहा कि विधान परिषद सदस्य (MLC) श्रीश चंद्र शर्मा ने 17 दिसंबर को एक पत्र प्रस्तुत किया था। उनके अनुसार, नियम 115 के तहत दिए गए इस पत्र में 1978 के दंगों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद सरकार ने मामले पर जानकारी मांगी थी।

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