UP Safe City Project महिलाओं के साथ होने वाली अप्रिय घटना को पहले ही पहचान लेगा AI

इसके जरिये शत-प्रतिशत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने, अपराधियों को पहचानने, शोहदों पर नकेल कसने, किसी आपात स्थिति में महिलाओं व बच्चों की तत्काल मदद पहुंचाने और आत्महत्या को रोकने में मदद मिलेगी। इसमें अहम भूमिका डायल 112 की होगी, जिसे सरकारी और निजी सीसीटीवी को जोड़ा जाएगा।

महिलाओं, सीनियर सिटीजन, बच्चों व दिव्यांगों की मदद के लिए योगी सरकार ने लिया अहम फैसला

मुख्य बातें
  1. सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत पहले चरण में 17 नगर निगम व गौतमबुद्धनगर में एआई तकनीक का किया जाएगा प्रयोग
  2. महिलाओं, सीनियर सिटीजन, बच्चों व दिव्यांगों की मदद के लिए योगी सरकार ने लिया अहम फैसला
  3. महिला के हाव-भाव तथा मदद के लिए उठाए गए हाथ को चिह्नित कर एआई जारी करेगा एसओएस सिग्नल

महिलाओं, सीनियर सिटीजन, बच्चों व दिव्यांगों की सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार पहले चरण में 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए योगी सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का प्रयोग करेगी।सेफ सिटी परियोजना के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रयोग से एसिड अटैक, महिलाओं पर हमले की घटना को पहले ही भांपा जा सकेगा। दरअसल, एआई बोतल या ग्लास में एसिड लेकर हमले की मंशा और महिला के हाव-भाव को भांपकर तुरंत अलर्ट जारी कर देगा।

यह अलर्ट डायल 112 को मिलते ही पास के पीआरवी को सिग्नल के साथ घटना की लोकेशन और संबंधित थाने के पुलिसकर्मी को स्थिति से अवगत कराने के साथ तत्काल पहुंचने का निर्देश दिया जाएगा। इतना ही नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मदद के लिए किसी महिला, सीनियर सिटीजन, बच्चे और दिव्यांग द्वारा उठाए गए हाथ को भी चिह्नित कर एसओएस सिग्नल जारी कर देगा।

इसके साथ ही, महिलाओं की चेन, पर्स, गहने लूटने वालों की गाड़ियों के नंबर प्लेट को चिह्नित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, महिलाओं का पीछा करने वालों की पहचान भी की जा सकेगी। स्कूल-कॉलेजों के पास मादक पदार्थ बेचने वालों और नियमित रूप से घूमने वालों की पहचान में आसानी होगी। यही नहीं यौन शोषण के आरोपियों के जेल से पैरोल, जमानत आदि पर छूटने पर अलर्ट जारी होगा। नेशनल डाटाबेस में ऐसे व्यक्तियों का चेहरा भी दर्ज किया जाएगा।

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